डेस्क न्यूज. सोशल मीडिया पर आए दिन हमारे पास कुछ ऐसी खबरें आती है जो केवल समाज में सौहार्द को बिगाड़ने का काम करती है इनका उद्देश्य केवल इतना होता है कि समाज में दो समुदाय के बीच किस तरह से भेदभाव पैदा किया जा सके, किस तरह से एक दूसरे को समुदाय को नीचा दिखाया जा सके, लेकिन कहते हैं ना सच कुछ समय के लिए छुप सकता है लेकिन उसे मिटाया नहीं जा सकता, लेकिन झूठ हमेशा सामने आ ही जाता है ।
सोशल मीडिया की तस्वीर में क्या है
सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर में मुस्लिम समुदाय के कुछ लोग हिंदू ग्रंथों को पढ़ रहे हैं और कुछ कॉपी में लिख रहे हैं, सोशल मीडिया की पोस्ट में लिखा है “देखो और ध्यान दो क्या हो रहा है हमारे देश में, हमारे धर्म ग्रंथों में मिलावट करने का कार्य जोरों से चल रहा है आने वाले 20 साल बाद हमारी अगली पीढ़ी यह मिलावट वेद पुराण उपनिषद पढ़ेंगे, जिसमें लिखा होगा चरित्र निर्माण बेकार की बात है ब्रह्मचर्य एकदम फालतू जैसा टॉपिक है धर्म और अधर्म जैसी कोई चीज नहीं है चार्वाक जैसी नीतियां अत्यंत लाभकारी है संस्कार जैसी कोई चीज नहीं होती, आदि फालतू बातें मिलेंगी यह सब बकायदा अच्छी और संस्कृति में मिलेगा, बिल्कुल उसी प्रकार जिस प्रकार मैकाले और मैक्स मूलर ने हमारी मनुस्मृति आदि को मिलावट करके दूषित किया”
खबर की सच्चाई
यह तस्वीर हैदराबाद के एक मदरसे में खींची गई है जिसमें मुस्लिम छात्र हिंदू धर्म की सामान्य विशेषताओं को समझने के लिए हिंदु धर्म ग्रंथ का अध्ययन कर रहे हैं, तस्वीर के साथ किया जा रहा दावा बिल्कुल गलत साबित होता हैं, यह मुस्लिम छात्र हिंदू धर्म ग्रंथ की विशेषता समझने के लिए निरंतर का अध्ययन कर रहे हैं , 2014 की इस रिपोर्ट के मुताबिक, ये तस्वीर हैदराबाद के एक इस्लामी शिक्षण संस्थान के पुस्तकालय की है, जहां छात्र इस्लाम और हिंदू धर्म में सामान्य विशेषताओं को समझने के लिए वेदों का अध्ययन करते हैं ।
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