राजस्थान में विधानसभा की 3 सीटों पर हुए उपचुनावों के नतीजे आ चुके हैं।
और उपचुनाव के नतीजे आने के बाद राजनीती गलियारों में खुशी का माहोल तो है
ही लेकिन दुःख और अफ़सोस भी है
क्योकि प्रदेश की जो मौजूदा स्थिति है उससे देखकर किसी को भी जशन
नहीं बनाने का आग्रह प्रदेश के मुखिया गहलोत ने किया है
वही अम्ल करे चुनाव के नतीजों पर तो कांग्रेस का दो
और भाजपा का एक सीट पर सहानुभूति कार्ड कामयाब रहा है।
उपचुनावों के नतीजों ने प्रदेश का 56 साल से पुराना रिकॉर्ड और मिथक तोड़ दिया है।
प्रदेश में 1965 से लेकर अब तक हुए उपचुनावों में दिवंगत नेताओं के परिवार को टिकट देने के बाद भी जीत किसी ने नहीं हासिल की थी। साफ शब्दों में कहा जाए तो उपचुनाव में अब तक किसी भी पार्टी को सहानुभूति कार्ड का फायदा नहीं मिला था। इस बार ऐसा नहीं हुआ। तीनों सीटों पर सहानुभूति कार्ड ही कामयाब रहा है।
सुजानगढ़ में दिवंगत विधायक मास्टर भंवरलाल के पुत्र मनोज मेघवाल 35,611 और सहाड़ा से दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री देवी 42,099 वोटों से चुनाव जीती हैं।
राजसमंद से दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी 5165 वोटों से जीतने में कामयाब रही हैं। तीनों सीटों पर जनता ने परिवारवाद को जमकर समर्थन दिया है। सहाड़ा में जीत का सबसे बड़ा अंतर रहा है।
गौरतलब है की सीएम अशोक गहलोत ने ट्वीट कर सहाड़ा (भीलवाड़ा) से कांग्रेस उम्मीदवार गायत्री देवी एवं सुजानगढ़ (चूरू) से मनोज मेघवाल को विजयी होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। राजसमंद उपचुनाव भी सभी ने एकजुट होकर लड़ा और यहाँ भाजपा की जीत का अंतर बेहद सामान्य रहा है।
कांग्रेस प्रत्याशियों को अपना आशीर्वाद और समर्थन देकर क्षेत्र की जनता ने हमारी सरकार को और अधिक मजबूती प्रदान की है और विकास की कड़ी-से कड़ी जोड़ी है इसके लिए मैं मतदाताओं के प्रति धन्यवाद एवं आभार व्यक्त करता हूँ। कांग्रेस पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को भी बधाई देता हूँ।