डेस्क न्यूज़- हरियाणा सरकार के 2500 दिन पूरे हो चुके हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सोमवार को चंडीगढ़ में अपनी सरकार का लेखा-जोखा पेश किया। वहीं प्रेस क्लब में सीएम की प्रेस कॉन्फ्रेंस और किसानों के विरोध को देखते हुए आसपास के इलाके को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इस दौरान किसानों ने नारेबाजी की। इस दौरान करनाल में किसानों पर लाठीचार्ज को लेकर सीएम ने कहा कि करनाल एसडीएम के शब्दों का चुनाव सही नहीं है। एसडीएम को ऐसे शब्द नहीं बोलना चाहिए थे। कानून-व्यवस्था बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी थी। डीजीपी और प्रशासन अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, रिपोर्ट के आधार पर अगला कदम उठाया जाएगा। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि किसानों के आंदोलन और हिंसा के पीछे पंजाब सरकार की जनता का हाथ है। किसान नेता राजेवाल पंजाब सीएम को ऐसे ही लड्डू खिलाते हुए नहीं दिख रहे।
सीएम मनोहर लाल ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि अब सेवा का अधिकार कानून और अधिक पारदर्शी होगा। वहीं ऑटो अपील पोर्टल भी 1 सितंबर से शुरू हो जाएगा। इसके बाद अधिकारियों को निर्धारित समय में छोटे-बड़े काम करने होंगे। अधिकारी अब लोगों को घुमा नहीं सकेंगे। यदि निर्धारित समयावधि के भीतर कार्य नहीं किया जाता है, तो अपील स्वतः ही अगले उच्च अधिकारी के पास पहुँच जाएगी।
पिछली सरकारों में भौतिक विकास तो हुआ लेकिन ई-गवर्नेंस के विकास पर कोई जोर नहीं दिया गया। हम सॉफ्टवेयर के साथ-साथ हार्डवेयर पर भी जोर देते हैं। उन्होंने शरीर में आत्मा को डालने का कार्य किया है। इसके साथ ही खट्टर ने किसान आंदोलन को विपक्ष के भ्रम का नतीजा बताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने मंडियों और एमएसपी को खत्म करने का भ्रम फैलाया है। जबकि सच्चाई यह है कि देश में न तो बाजार खत्म हुआ है और न ही एमएसपी। जो मंडियां बंद थीं उन्हें भी शुरू कर दिया गया है।
कहा कि हम एमएसपी पर 10 फसल खरीद रहे हैं, जबकि अन्य राज्यों में सिर्फ गेहूं और धान ही खरीदा जा रहा है। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस के भ्रामक प्रचार को बर्दाश्त कर रहे हैं। हमारी सलाह है कि सही को सही और गलत को गलत कहना सीखें। कांग्रेस के पास कोई मुद्दा नहीं है। अगर यही हाल रहा तो कांग्रेस का भविष्य अंधकारमय है। कांग्रेस का अंधकारमय भविष्य हमारे लिए ठीक है। हम भी अगले पांच साल सरकार चलाने की तैयारी कर रहे हैं।