डेस्क न्यूज़- जयपुर में संयुक्त किसान मोर्चा और मजदूर संघ समेत 34 किसान संगठनों ने सिविल लाइन पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन किया। जयपुर में कोरोना संक्रमण के चलते रैली और प्रदर्शन की इजाजत नहीं है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हो गए। पुलिस देखती रही। उन्होंने भाजपा कार्यालय के बाहर बैरिकेड्स पर चढ़कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। सिविल लाइन गेट पर रैली के रूप में पहुंचे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोक लिया। जब वे जबरन घुसने लगे तो पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की नोकझोंक भी हो गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को अंदर नहीं जाने दिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच बातचीत हुई।
तब पूर्व विधायक अमराराम सहित 11 सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के प्रतिनिधि को राष्ट्रपति के नाम मांगों का ज्ञापन सौंपा। भारतीय किसान संघ, किसान महापंचायत, सीटू, इंटक, जाट सभा समेत 34 संगठनों के प्रतिनिधि सुबह करीब 11 बजे शहीद स्मारक पर जमा हुए। पूर्व विधायक अमराराम, हिम्मत सिंह गुर्जर, विक्रम सिंह मीणा के साथ बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। वे शहीद स्मारक पर नारेबाजी करने लगे। प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस जाप्ता भी पहुंच गया। पूर्व विधायक अमराराम ने कहा कि शाहजहांपुर बॉर्डर, सिंधु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर पर किसान पिछले 7 महीने से शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने अब तक एक भी मांग नहीं मानी है। इसके बाद वह राज्यपाल को राष्ट्रपति के नाम मांगों का ज्ञापन देने के लिए रैली के रूप में राजभवन के लिए निकले। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था में भारी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।
संयुक्त किसान मोर्चा केंद्र सरकार के खिलाफ रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए निकला। रास्ते में जब वे भाजपा कार्यालय पहुंचे तो मोदी के पोस्टर देखकर भड़क गए। प्रदर्शनकारी वहां बैरिकेड्स पर चढ़ गए और मोदी और अमित शाह के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। उन्होंने अंदर जाने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें रोका तो वे आगे बढ़े। उन्होंने महंगाई को लेकर केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि महंगाई चरम पर है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में हर दिन बढ़ोतरी हो रही है। महंगाई से आम जनता परेशान है। वे हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर सिविल लाइन पहुंचे। उन्होंने बिजली बिलों का निपटान करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य अधिनियम बनाने की मांग की।
प्रदर्शनकारी पैदल ही सिविल लाइन पहुंचे। वहां पहले से ही पुलिस बल तैनात था। प्रदर्शनकारियों को गेट पर ही रोक दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने जबरन आगे बढ़ने की कोशिश की। पुलिस ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया। एक मौके पर पुलिस और प्रदर्शनकारी आमने-सामने आ गए। पूर्व विधायक अमराराम ने शांतिपूर्ण तरीके से ज्ञापन देने की बात कही। इसके बाद 11 सदस्यों का एक प्रतिनिधिमंडल बनाया गया। उन्हें पुलिस अधिकारियों के साथ राजभवन भेजा गया। उन्होंने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर राष्ट्रपति के नाम राज्यपाल के प्रतिनिधिमंडल को ज्ञापन सौंपा। राज्यपाल कलराज मिश्र इन दिनों माउंट आबू में गर्मी की छुट्टी पर हैं। जिससे प्रतिनिधि को ज्ञापन सौंपा गया।