डेस्क न्यूज़- दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च के दौरान हुई हिंसा के बाद बड़ौत में चल रहे किसानों के आंदोलन पर भी पुलिस ने बुधवार रात करीब साढ़े 11 बजे पुलिस ने धरना स्थल पर पहुंचकर धरनास्थल खाली करा दिया। बता दे कि इससे पहले बुधवार दोपहर एसडीएम दुर्गेश बड़ौत के कक्ष मे एडीएम अमित कुमार, एएसपी मनीष कुमार मिश्र ने किसानों के प्रतिनिधि थांबेदार ब्रजपाल सिंह, चौबासी खाप चौधरी सुभाष सिंह, आचार्य बलजोर सिंह आर्य, विक्रम आर्य और विश्वास चौधरी से बातचीत की। पुलिस ने कहा था कि धरना समाप्त करने के लिए करीब ढाई घंटे चली वार्ता का कोई नतीजा नही निकला। वही 31 जनवरी को किसानों ने महापंचायत बुलाने का एलान किया था। वही रात को पुलिस ने हल्का बल प्रयोग कर धरनास्थल खाली करावा दिया था।

रात के साढ़े ग्यारह बजे पहुंची पुलिस ने किसानों को मारना शुरु कर दीया
रात में जब पुलिस पहुंची तो धरना स्थल पर भगदड़ मच गई। किसानों का सामान पुलिस जबरन उठाकर ले गई।
वही इसके दौरान पुलिस की लाठी लगने से एक बुजुर्ग सुमेर सिंह घायल हुए हैं। और भी कई किसान जख़्मी हुए हैं।
एडीएम अमित कुमार सिंह और एएसपी मनीष
मिश्रा के नेतृत्व में पुलिस-प्रशासन की टीम ने बुधवार
को दिन में ढाई घंटे किसानों से बातचीत की थी।
किसान आंदोलन करने की मांग पर अड़ गए और 31 जनवरी को महापंचायत का एलान भी कर दिया। जिसके बाद
रात के साढ़े ग्यारह बजे सीओ बड़ौत आलोक कुमार के नेतृत्व में पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हे मारना शुरु कर दीया।
इसे देखकर किसानों में भगदड़ मच गई। किसानों ने कहा कि किसान निहत्थे और शांतिपूर्ण तरीके से धरना दे रहे थे। और फिर भी पुलिस उनका सामान उठाकर ले गई।
पुलिस का कहना हैं किसान नही माने तो हटाया
पुलिस का कहना हैं कि पुलिस लगातार धरने पर बैठे लोगों को समझा रही थी। लेकिन वह लोग नहीं माने, जिस कारण उन्हें धरने से हटाया गया है। पूर्व जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष जयवीर सिंह तोमर का कहना हैं कि आराम कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज किया गया है। किसानों को रात के अंधेरे में दौड़ाया गया है।
बागपत एडीएम अमित कुमार सिंह का कहना हैं कि किसानों के धरने की वजह से उनका कार्य रुका हुआ है, हम लोग यहां आए और किसानों से बात की। किसान स्वयं ही चले गए। कुछ बुजुर्ग किसान थे, जिन्हें उनके घर भिजवा दिया गया। किसी तरह का बल प्रयोग नहीं किया गया है।