करनाल के एसडीएम के 'सिर फोड़ने' वाले बयान पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का रिएक्शन सामने आया है. उन्होंने कहा है कि एसडीएम द्वारा चुने गए शब्द गलत थे, लेकिन कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सख्ती जरूरी थी.
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मनोहर लाल खट्टर ने कहा, "लोकतंत्र की
व्यवस्था को बहाल करना प्रशासन और शासन की ज़िम्मेदारी होती
है. तो आखिर किसी को हमारी मीटिंग का विरोध करने का क्या
अधिकारी है, कोई अधिकार नहीं है. बल्कि आंदोलनकारियों और
प्रशासन के बीच एक समझौता हुआ था, कि हम जो अपना प्रदर्शन
करेंगे लोकतांत्रिक तरीके से करेंगे."
सीएम खट्टर ने कहा, "इसमें उन्हें नारे लगाने की छूट है, काले झंडे दिखाने की छूट है, लेकिन किसी का रास्ता रोकना, या किसी के काम में व्यवधान डालना, ये उसमें कहीं नहीं है. ये समझौता हो चुका था, फिर भी लगातार कर ही रहे हैं. इसके बाद ये घटना होना कि हम किसी को जाने नहीं देंगे वहां."
सीएम ने कहा कि लोकतंत्र की सुरक्षा करना शासन, प्रशासन, राज्यपाल सबका काम है. उन्होंने कहा, "वहां पर सुरक्षा एजेंसियों को सब आदेश दिए जाते हैं कि यहां कोई भी आदमी आना नहीं चाहिए.उसे हर तरीके से रोकना है. वीडियो ऑडियो में मैंने जो शब्द सुना है, उस अधिकारी के शब्दों का चुनाव सही नहीं है। मगर मुझे ये मानने में कोई गुरेज़ नहीं कि सख्ती करना तो उनका काम है। लेकिन शब्दों को सावधानी से चुना जाना चाहिए। और क्या नहीं होता जब फोर्स कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम करती है। सभी सख्ती का उपयोग किया जाता है।"
कार्रवाई के सवाल पर सीएम ने कहा कि पहले यह प्रशासन देखेगा कि हम बाद में देखेंगे. उन्होंने बताया कि इस पर डीजीपी जांच कर रहे हैं और जो भी करना होगा रिपोर्ट के आधार पर किया जाएगा. सीएम ने कहा कि शब्द नहीं बोलने चाहिए थे, लेकिन ऐसा नहीं है कि सख्ती नहीं करनी चाहिए थी. लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए सख्ती की जानी चाहिए थी।