डेस्क न्यूज़ – ट्रैक्टर परेड में हिंसा-मंगलवार को दो महीने से शांतिपूर्ण चल रहे किसान आंदोलन हिसंक रुप ले लिया। प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान नियम तोड़ने के साथ ही तोड़फोड़ और सुरक्षाबलों से मारपीट भी की। वही इस मामले को लेकर आज दिल्ली पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगी। फीलहाल पुलिस के अधिकारिय की मीटिंग कर रहे हैं।
सिंघु बॉर्डर पर किसान नेताओं की बैठक
पुलिस मंगलवार को हुई हिंसक की घटनाओं पर अब तक बाईस केस दर्ज कर चुकी है। वही अब किसान नेताओं में भी इस घटना को लेकर की चिंता बढ़ गई हैं। गणतंत्र दिवस के मौके पर की गई ट्रैक्टर परेड में हिंसक घटनाओं को लेकर
आज 3 बजे संयुक्त किसान मोर्चे के नेता सिंघु बॉर्डर पर मीटिंग करेंगे।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के नेता एस एस पंढेर का कहना हैं
कि कुछ गंलत लोग किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए ट्रैक्टर परेड में शामिल हो गए थे।
हिंसा करने वाले बाईस लोगो पर एफआईआर
किसानों की दिल्ली में मंगलवार को हुई ट्रैक्टर रैली में हुए उपद्रव में कई किसानों को भी चोटें आईं हैं। वही ट्रैक्टर पलटने से एक किसान की मौत भी हो गई। पुलिस आज पूरी तरह मुस्तैद है। सिंघु बॉर्डर, टीकरी बॉर्डर और लाल किले पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वही उसपर अब तक बाईस केस दर्ज कीए जा चुके है। उधर, हरियाणा और पंजाब सरकार ने अपने-अपने राज्यों में हाई अलर्ट कर दिया है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा किसान आंदोलन सिखों का नही किसानों का हैं।
मंगलवार को ट्रैक्टर रैली में शामिल उपद्रवी बैरिकेड तोड़ते हुए आगे बढ़ते गए और लाल किले तक पहुंच गए। उन्होंने प्राचीर पर चढ़कर धार्मिक झंडा फहरा दिया। इस घटना पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आज कहा, ‘जिन्होंने हिंसा फैलाई और लाल किले पर झंडा फहराया, वे खुद भुगतेंगे। पिछले 2 महीने से एक समुदाय विशेष के खिलाफ साजिश चल रही है। यह आंदोलन सिखों का नहीं, बल्कि किसानों का है।