डेस्क न्यूज़- तबलीगी जमात मरकज़ मामले में गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 26 जनवरी को किसान रैली का मामला उठाया है। प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे ने केस की सुनवाई के दौरान नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘सरकार इस मुद्दे पर आंखें मूंदे हुए क्यों है, कुछ कर क्यों नहीं रही है?’ जाहिर हैं 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस को किसानों ने ट्रैक्टर परेड की थी,
जिसमे पुलिस और आंदोलनकारी किसानों की झड़प हो गई था। जिसमें हिंसा हो गई थी। कई जगह तोड़फोड़ फी कर दी थी।
तबलीगी जमात पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कि टिप्पणी
वही सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को तबलीगी जमात की मीडिया रिपोर्टों के खिलाफ जमीयत उलेमा
ए हिंद व पीस पार्टी समेत अन्य लोगों की याचिका पर सुनवाई के दौरान 26 जनवरी की इस
घटना पर भी टिप्पणी की हैं। अदालत ने कहा कि कुछ समाचारों पर नियंत्रण उतना ही महत्वपूर्ण है
जितना कि कुछ निवारक उपाय अपनाना और कानून और व्यवस्था की स्थिति की जांच करन।
उन्होने कहा कि मैं नहीं जानता कि आप इसके लिए आंखें बंद किए क्यों हैं।
‘फेक न्यूज’ पर केंद्र से मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘फेक न्यूज’ कि वजह से हिंसा हो, किसी की जान जाए, यह नहीं होना चाहिए। किसी खबर की वजह से, ऐसी स्थिति पैदा नहीं होनी चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा सरकार के पास ऐसे कार्यक्रमों पर रोक लगाने कि शक्ति है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि ‘मीडिया को जमात के मुद्दे पर रिपोर्टिंग करने से नहीं रोक सकते। यह प्रेस की स्वतंत्रता का मामला है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केबल टीवी, डीटीएच और ओटीटी पर तकनीकी पहलू क्या हैं और कैसे नियमित किया जाता है, इस पर सरकार पूरा खाका पेश करना होगा। जिसके केंद्र ने कोर्ट से समया मांगा हैं। सीजेआई ने सरकार को तीन सप्ताह का समय दिया है।