पिता ने अपने 15 दिन के बच्चे को बेचा, पत्नी से कहा- बेटा मर गया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया

मानवता को शर्मसार करने वाली घटना उदयपुर में सामने आई है। लिव-इन में रह रहे एक युवक ने अपने 15 दिन के बच्चे को बेच दिया। दरअसल युवक और युवती एक साल से लिव-इन में रह रहे थे। इस दौरान युवती गर्भवती हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया। युवक ने उस बच्चे को दूसरे को बेच दिया
पिता ने अपने 15 दिन के बच्चे को बेचा, पत्नी से कहा- बेटा मर गया और उसका अंतिम संस्कार कर दिया

मानवता को शर्मसार करने वाली घटना उदयपुर में सामने आई है। लिव-इन में रह रहे एक युवक ने अपने 15 दिन के बच्चे को बेच दिया। दरअसल युवक और युवती एक साल से लिव-इन में रह रहे थे। इस दौरान युवती गर्भवती हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया। युवक ने उस बच्चे को दूसरे को बेच दिया और अपने बच्चे की मां से कहा कि बच्चा मर गया है, उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

गुजरात में युवक ने बच्चे को निःसंतान दंपति को बेच दिया था

दरअसल, गुजरात में युवक ने उस बच्चे को निःसंतान दंपति को बेच

दिया था। बच्चे की असली मां यह मानने को तैयार नहीं थी कि

उसका बेटा मर चुका है। उन्होंने पुलिस को रिपोर्ट लिखी। पुलिस ने

जांच की तो पूरे खेल का खुलासा हुआ और सात लोगों को गिरफ्तार

किया गया। इसमें वह दंपति भी शामिल है जिनसे बच्चा खरीदा गया था।

उदयपुर के एसपी डॉ राजीव पचार ने बताया कि पीड़िता ने

22 जून को फलासिया थाना क्षेत्र में रिपोर्ट दर्ज कराई थी.

जिसमें उन्होंने बताया कि कुलदीप सिंह ने शादी का झांसा देकर

एक साल के लिए खेरवाड़ा में किराए का मकान लिया था।

इस दौरान वह गर्भवती हो गई और 20 मई को एक बेटे को जन्म दिया।

इसके बाद कुलदीप मुझे और बच्चे को नहीं रखना चाहता था।

मेरा बच्चा लापता है, उसे मार दिया गया या बेच दिया गया, मुझे नहीं पता। पुलिस इसकी जांच करे।

कुलदीप ने फोन पर बताया था कि बच्चे का गुजरात में इलाज चल रहा है

इस पर पुलिस ने दुष्कर्म का मामला दर्ज किया। पूछताछ में पीड़िता ने बताया कि कुलदीप ने फोन पर बताया था कि बच्चे का गुजरात में इलाज चल रहा है. उसने बच्चे के पास जाने की जिद की तो कहा- वह मर गया है, और अंतिम संस्कार कर दिया है। इस दौरान पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि गुजरात के खेड़ब्रह्मा में बच्चे को निःसंतान दंपति को बेच दिया गया है. इसके बाद पुलिस टीम गुजरात के खेड़ा ब्रह्मा पहुंची। जहां पुलिस ने नवजात शिशु को उसकी मां को सौंप दिया।

15 दिन बाद मिली मां की गोद

नवजात के जन्म के 15 दिन बाद ही आरोपी ने बच्चे को मां की गोद से अलग कर दिया। पुलिस जब बच्चे को वापस लेकर आई तो पीड़िता के आंसू नहीं रुके. 15 दिन बाद नवजात को मां की गोद मिली। पीड़िता को उसके परिवार वालों ने नहीं स्वीकारा और वह बच्चे को लेकर रिश्तेदार के घर चली गई.

बच्चा खरीदने वाले को भी धोखे में रखा गया

दोनों के परिवार वाले कुलदीप और पीड़िता की शादी के लिए तैयार नहीं थे। इस कारण वह पहले खेरवाड़ा में किराए के मकान में रहा और बाद में फलासिया आ गया। यहां कुलदीप ने बच्चेसे छुटकारा पाने की प्लानिंग बनाई। पीड़िता ने बताया कि रहने के लिए कोई जगह है, इसलिए परिचित बद्री के घर जाते हैं। 2 जून को बद्री के घर गया और 5 जून तक रहा। इसमें ब्रदी ने गुजरात के एक परिचित सवजी को बच्चे को बेचने की बात कही।

सवजी ने गोविंद से बात की तो गोविंद ने बताया कि मेरा एक रिश्तेदार जतिन है, उसका कोई बच्चा नहीं है और वह लेने को तैयार है। इस दौरान नवजात की तबीयत बिगड़ रही थी। इस पर कुलदीप, बद्री व उनकी पत्नी नवजात को इलाज के लिए गुजरात ले गए। तीनों जतिन के घर पहुंचे और नवजात को बद्री और उसकी पत्नी गीता को बताया। जतिन और उनकी पत्नी ने बच्चे को 50 हजार में खरीदा।

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