महाराष्ट्र के सोलापुर में रहने वाले एक मजदूर के बेटे ने सफलता का एक नया अध्याय लिखा है। दरअसल, इसने Civis Services Examination यानी UPSC में आठवां स्थान हासिल किया है। मजदूर के बेटे की इस सफलता पर गाँव के लोग भी बहुत खुश है। उन्होंने बच्चे को कंधे पर बैठाकर पूरे गाँव में जुलूस निकाला।
मजदूर के बेटे ने सफलता का एक नया अध्याय लिखा
अपनी मेहनत से मिसाल कायम करने वाले इस बच्चे का नाम शरण कांबले है। शरण ने न केवल यूपीएससी की परीक्षा प्रथम श्रेणी
में उत्तीर्ण की, बल्कि देश भर में 8 वां स्थान हासिल किया। इस सफलता से ग्रामीण भी बहुत खुश हैं।रविवार रात उन्होंने बारशी तहसील
में जुलूस निकाला और पूरे रास्ते शरण को कंधे पर बैठाए रखा।
शरण के पिता मजदूरी करते हैं , मां सब्जी बेचती है।
शरण ने सुनाई अपनी कहानी
शरण ने बताया कि उनका घर आर्थिक चुनौतियों से जूझ रहा है। जैसे-तैसे ही घर चलता है। शरण ने अपने जीवन में कई बार
ऐसा भी देखा जब उनका पूरा परिवार भूखा सोता था। हालाँकि, शरण का मन बचपन से ही शिक्षा में लगता था।
ऐसे में माता-पिता ने भी उनके सपने को पूरा करना शुरू कर दिया।
इस तरह माता-पिता ने पैसे जुटाए
शरण बताती हैं कि उनकी पढ़ाई नहीं रुकी, इसके लिए मां सब्जी बेचती थीं। वहीं, पिता भी खेत में काम करते थे।
शरण का कहना है कि मेरे माता-पिता की कड़ी मेहनत और शिक्षा दिलाने के संकल्प के कारण, मेरे बड़े भाई ने भी बीटेक किया।
इसके बाद, आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए दिल्ली गया।
माता-पिता ने यह कहा
पिता गोपीनाथ और माता सुदामती कांबले शरण की सफलता पर बहुत खुश हैं। उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता
कि मेरे बेटे ने कहा तक पढ़ाई की और क्या पढ़ा? हालांकि, मुझे पता है कि वह अब एक मास्टर बन गया है।
उनका मानना है कि परिवर्तन के चमत्कार केवल शिक्षा के माध्यम से ही हो सकते हैं, जिसे उनके बेटे ने वास्तविकता में बदल दिया।