उत्तर प्रदेश में 20 लोगों को कोरोना की दो अलग-अलग वैक्सीन लगाने से डर का माहौल, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के गृह जिले सिद्धार्थनगर में कॉकटेल वैक्सीन में लापरवाही का मामला सामने आने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। यहां के एक गांव में करीब 20 लोगों की कोरोना की पहली डोज कोविशील्ड में और दूसरी कोवाक्सिन की डोज लगाई गई। स्वास्थ्य टीमों पर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने साइड इफेक्ट की आशंका जताई है।
उत्तर प्रदेश में 20 लोगों को कोरोना की दो अलग-अलग वैक्सीन लगाने से डर का माहौल, जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

डेस्क न्यूज़- यूपी के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के गृह जिले सिद्धार्थनगर में कॉकटेल वैक्सीन में लापरवाही का मामला सामने आने के बाद जांच के आदेश दिए गए हैं। यहां के एक गांव में करीब 20 लोगों की कोरोना की दो अलग-अलग वैक्सीन लगा दी । पहली डोज कोविशील्ड में और दूसरी कोवाक्सिन की डोज लगाई गई। स्वास्थ्य टीमों पर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने साइड इफेक्ट की आशंका जताई है।

दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

मुख्य चिकित्सा अधिकारी सिद्धार्थनगर डॉ. संदीप

चौधरी ने कहा, 'यह नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।

कॉकटेल वैक्सीन नहीं दी जा सकती है। हमने जांच के

आदेश दे दिए हैं। रिपोर्ट आते ही दोषी कर्मचारियों के

खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन सभी लोगों पर

हमारी टीम नजर रखे हुए है।

अभी तक किसी भी व्यक्ति में कोई समस्या नहीं देखी गई है।

किसी ने भी हिस्ट्री नहीं देखी

एक ग्रामीण ने बताया, 'कोविडशील्ड की पहली खुराक मुझे 1 अप्रैल को मिली, दूसरी खुराक 14 मई को लगाई गई। जब मैं दूसरी खुराक के लिए गया, तो किसी ने भी मेरे टीकाकरण हिस्ट्री को देखने की जहमत नहीं उठाई और मुझे कोवैक्सीन लगा दी गई। अब मुझे डर है कि कहीं कोई बीमारी न हो जाए। '

विशेषज्ञ की राय

यह पूछे जाने पर कि क्या टीके की दो अलग-अलग खुराक लगने से कोई खतरा है, नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने कहा था कि यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से संभव है और इस पर शोध जारी है। उन्‍होंने बताया कि भारत और विदेशों में इसे लेकर जारी रिसर्च पर नजर रखी जा रही है।

अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं

डॉ. पॉल ने कहा था, 'वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह संभव है लेकिन अभी और शोध की जरूरत है। यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि खुराक मिश्रण किया जाना चाहिए। इसका अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। भविष्य में ऐसा होगा या नहीं यह तो वक्त ही बताएगा। यह अंतरराष्ट्रीय शोध, विश्व स्वास्थ्य संगठन के निष्कर्षों पर निर्भर करेगा। हमारे विशेषज्ञ भी शोध कर रहे हैं।

क्या होगा अगर दोनों वैक्सीन को मिला दिया जाए

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक शोधकर्ता ने पाया था कि अगर दो टीकों को मिला दिया जाए तो कोई बड़ा खतरा नहीं है। हालांकि साइड इफेक्ट जरूर बढ़ सकते हैं। वैक्सीन का कॉकटेल कोविड-19 के खिलाफ कितनी इम्युनिटी देता है, इस बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है।

'द लैंसेट' में प्रकाशित शोध के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने पहले लोगों को एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (कोविशील्ड) की खुराक दी और फिर चार हफ्ते बाद फाइजर की वैक्सीन दी। नतीजा यह हुआ कि मिली-जुली खुराक लेने वालों में इसके दुष्प्रभाव ज्यादा देखने को मिले, लेकिन समस्या जल्द ही दूर हो गई।  दो अलग-अलग वैक्सीन लगा दी ।

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