न्यूज – मोदी सरकार का अगला बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। इस बजट से देश को कई उम्मीदें हैं, खासकर रोजगार के मोर्चे पर। यह बताया गया है कि बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का जोर आर्थिक मंदी को दूर करने और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने पर होगा। इसके लिए वित्त मंत्री कृषि और बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सूक्ष्म और मध्यम उद्योग क्षेत्र के लिए विशेष घोषणाएं कर सकते हैं। आर्थिक मंदी के कारण नौकरियों की हालत खराब हो गई है। स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप, मेक इन इंडिया जैसे अभियानों ने कुछ नौकरियां पैदा की हैं, लेकिन आर्थिक मंदी ने उनके प्रभाव को सीमित कर दिया है।
मनरेगा में बदलाव संभव, कृषि पर विशेष जोर
सरकार ने मनरेगा के रूप को बदल दिया था, लेकिन इसके कारण रोजगारोन्मुखी योजना एक संपत्ति बनाने वाली योजना बन गई है। बताया गया है कि इसमें सुधार के लिए कुछ घोषणाएँ की जा सकती हैं। साथ ही, कृषि और कृषि से संबंधित उद्योगों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए विशेष उपायों की घोषणा की जा सकती है। पिछले 5 वर्षों में, ग्रामीण मजदूरी की दर में औसतन 0.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ग्रामीण आय में वृद्धि से गाँवों में औद्योगिक वस्तुओं की खपत भी बढ़ेगी, जिससे मांग में गिरावट और अर्थव्यवस्था में सुधार के संकट दूर होंगे।