पहले 15 लाख का झूठा वादा, अब 20 लाख करोड़ दावा; अखिलेश यादव

कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज को लेकर विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है।
पहले 15 लाख का झूठा वादा, अब 20 लाख करोड़ दावा; अखिलेश यादव

न्यूज़- कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज को लेकर विपक्ष लगातार सवाल खड़े कर रहा है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरा है। बता दें कोरोना संकट से प्रभावित हुई देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले देश के नाम अपने संबोधन में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था।

अखिलेश यादव ने ट्वीट करके कहा, 'पहले 15 लाख का झूठा वादा और अब 20 लाख करोड़ का दावा… अबकी बार लगभग 133 करोड़ लोगों को 133 गुना बड़े जुमले की मार…ऐ बाबू कोई भला कैसे करे एतबार…अब लोग ये नहीं पूछ रहे हैं कि 20 लाख करोड़ में कितने जीरो होते हैं बल्कि ये पूछ रहे हैं उसमें कितनी गोल-गोल गोली होती हैं।' अखिलेश ने कहा कि ये सच है कि बुनियाद कभी दिखती नहीं पर ये नहीं कि उसे देखना भी नहीं चाहिए। जिन गरीबों के भरोसे की नींव पर आज सत्ता का इतना बड़ा महल खड़ा हुआ है, ऊंचाइयों पर पहुंचने के बाद संकट के समय में भी उन गरीबों की अनदेखी करना अमानवीय है। ये "सबका विश्वास" के नारे के साथ विश्वासघात है।

उधर, मायावती ने ट्वीट कर कहा, बीएसपी का मानना है कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने के अति-अहम मामले में प्राइवेट सेक्टर के बजाए सरकारी पहल व इसके जरिए देश की पूंजी में विकास की ज्यादा जरूरत है। इसपर ईमानदारी से अमल करने से ही गरीबी व बेरोजगारी सहित देश की अन्य और भी मूलभूत समस्याओं का समाधान संभव होगा।

बता दें कोरोना संकट से प्रभावित हुई देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दिन पहले देश के नाम अपने संबोधन में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था। देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी, ये आर्थिक पैकेज, 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा। पैकेज भारत की GDP का करीब-करीब 10 प्रतिशत है। पीएम ने इस दौरान कहा, संकट के समय में, लोकल ने ही हमारी मांग पूरी की है, लोकल सिर्फ जरूरत नहीं, बल्कि हमारी जिम्मेदारी है। समय ने हमें सिखाया है कि लोकल को हमें अपना जीवन मंत्र बनाना ही होगा। आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए बोल्ड रिफॉर्मस की प्रतिबद्धता के साथ अब देश का आगे बढ़ना अनिवार्य है, और आज ये सम

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