डेस्क न्यूज – मोती डूंगरी गणेश जी – नए साल के पहले दिन, 1 जनवरी को जब गुरु पुष्यमित्र नक्षत्र का शुभ संयोग होगा, जयपुर शहर के गणेश मंदिरों में विशेष आयोजन होंगे।
महंत कैलाश शर्मा के नेतृत्व में मोती डूंगरी गणेशजी मंदिर में सुबह छह बजे गणेशजी का अभिषेक किया गया।
अभिषेक में 251 दूध, 21 किलो दही, 21 किलो बूरा, पांच और एक चौथाई किलो घी, शहद
, केवड़ा जल, और गुलाब जल का उपयोग किया गया।
इसके बाद, गणेशजी महाराज को सुबह 8:00 बजे एक विशेष रूप से तैयार फूल बंगले में बैठाया गया और एक नई पोशाक पहनाई।
फिर 11:00 बजे पहली पूजा पर सहस्त्रनाम से 1001 मोदक चढ़ाए गए। इस अवसर पर विशेष रूप से खीर अर्पित की गई।
मंदिर के महंत कैलाश शर्मा ने बताया कि
नए साल के पहले दिन श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पांच प्रवेश द्वार और 6 निकास द्वार बनाए गए थे।
सभी गेटों को सैनिटाइज किया गया था और टैंपरेचर मशीन से जांच की गई।
इसके लिए 20 सिक्योरिटी गार्ड तैनात किये थे।
चंदपोल के परकोटे वाले गणेश मंदिर में हुआ 101 किलो दूध का अभिषेक
पं. राहुल शर्मा ने शुक्रवार सुबह 8:30 बजे चंदपोल के परकोटे वाले गणेश मंदिर में पुष्य नक्षत्र में गणेश जी महाराज का अभिषेक किया।
101 किलो दूध, दही, घी, शहद, बूरा, गुलाब जल, केसर का पानी, और कई तरल पदार्थों से पहली पूजा करने के बाद नई ड्रेस पहनाकर फूल बंगला झांकी सजाई गई।
मंदिर में गणपति स्त्रोत्र अष्टादशनाम और गणेश चालीसा का पाठ किया गया।
श्रद्धालुओं को हल्दी की एक गांठ भी बांटी गई।
मंदिर के प्रवक्ता पं. अमित शर्मा ने बताया कि इस अवसर पर, गणेश जी महाराज से करौदा महामारी के लिए विश्व कल्याण की प्रार्थना की गई।
शहर के अन्य गणेश मंदिरों में भी हुए कई आयोजन
बड़ी चौपड़ में सूरजपोल के सफेद सिद्धि विनायक, चौरा रास्ता स्थित काले गणेश, दिल्ली बाईपास पर बंगाली बाबा गणेश आश्रम, आगरा रोड पर गंगोत्री गणेश मंदिर और अन्य गणेश मंदिरों में भी समारोह आयोजित किए गए।
31 दिसंबर की रात पूरे जयपुर शहर में रहा कर्फ्यू, नहीं हुई कोई पार्टी
वहीं नया साल शुरू होने से पहले 31 दिसंबर की रात पूरे शहर में कर्फ्यू रहा, सड़के खाली रही और नये साल का किसी प्रकार को कोई उत्सव नजर नहीं आया।
इससे पहले 31 दिसंबर की रात ऐसी कभी नहीं रही।
31 दिसंबर 2020 को छोड़ दे तो बाकी की 31 दिसंबर की रात उत्सव की रात हुआ करती थी।
जयपुर रात भर जागता था, नाचता और गाता था, नए साल का पहला सूर्य देखता है।
लेकिन इस बार जश्न नहीं मना।
पुलिस की गाड़िया पूरी रात गश्त करती रही, कर्फ्यू, और क्लब, होटल, रेस्तरां सहित सड़कों पर खुली पार्टियों के स्थान पर कड़ी निगरानी रखीं गई।