भारतीय खाद्य निगम के चार अधिकारी रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार, करोड़ों का सोना और नकदी बरामद

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एक सिक्योरिटी कंपनी से रिश्वत लेने के आरोप में भारतीय खाद्य निगम भोपाल के चार अधिकारियों-कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. छापेमारी के दौरान सीबीआई को एक लॉकर भी बरामद हुआ है. जिसमें 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी, नोट गिनने वाली मशीन और 1 किलो से ज्यादा सोना बरामद हुआ है
भारतीय खाद्य निगम के चार अधिकारी रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार, करोड़ों का सोना और नकदी बरामद
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केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एक सिक्योरिटी कंपनी से रिश्वत लेने के आरोप में भारतीय खाद्य निगम भोपाल के चार अधिकारियों-कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. छापेमारी के दौरान सीबीआई को एक लॉकर भी बरामद हुआ है. जिसमें 3 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी, नोट गिनने वाली मशीन और 1 किलो से ज्यादा सोना बरामद हुआ है.

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एक सिक्योरिटी कंपनी से रिश्वत लेने के आरोप में भारतीय खाद्य निगम भोपाल के चार अधिकारियों-कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है

छापेमारी के दौरान सीबीआई अधिकारियों को रिश्वत के लेनदेन से जुड़ी एक

डायरी भी बरामद हुई है. जिसमें रिश्वत के लेनदेन का ब्यौरा दर्ज है.

इस डायरी के बरामद होने के बाद भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है.

सीबीआई का आरंभिक तौर पर मानना है कि बड़े अधिकारियों के लिए रिश्वत की रकम छोटे ग्रेड का अधिकारी एकत्र करता था.

सीबीआई प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम

के जिन अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है,

उनमें भोपाल के डिविजनल मैनेजर हरीश, मैनेजर अकाउंट्स अरुण श्रीवास्तव,

मैनेजर सिक्योरिटी मोहन पराडे और सहायक ग्रेड वन किशोर मीणा शामिल है.

सीबीआई के मुताबिक गुरुग्राम की एक सिक्योरिटी कंपनी ने सीबीआई

की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत की थी कि उनकी कंपनी को

भारतीय खाद्य निगम के गोदामों पर सुरक्षा देने का ठेका मिला था और

इस ठेके के बदले जो पैसे भारतीय खाद्य निगम के जरिए मिले थे

उन चेक्स को जारी करने के बदले भारतीय खाद्य निगम के अधिकारी रिश्वत मांग रहे थे.

भारतीय खाद्य निगम के अधिकारी हर चेक देने के बदले 50000 से 70000 रुपये तक की रकम बतौर रिश्वत मांग रहे थे

सिक्योरिटी कंपनी के अधिकारियों ने जब रिश्वत देने में असमर्थता जाहिर की तो भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों ने चेक देने में टालमटोल करना शुरू किया. आरोप के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम के अधिकारी हर चेक देने के बदले 50000 से 70000 रुपये तक की रकम बतौर रिश्वत मांग रहे थे. पहले यह रकम लाखों में मांगी जा रही थी.

सिक्योरिटी कंपनी के अधिकारियों को जब यह लगा कि उन्हें रिश्वत देनी ही पड़ेगी तो उन्होंने इस बाबत सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को शिकायत की. शिकायत के आधार पर सीबीआई ने मामले की आरंभिक जांच की और जब यह तय हो गया कि वास्तव में रिश्वत मांगी जा रही है तो सीबीआई ने जाल बिछाया और रिश्वत ले रहे किशोर मीणा को गिरफ्तार कर लिया. उससे पूछताछ और आगे की जांच के दौरान अन्य 3 लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया.

सीबीआई को छापेमारी के दौरान एक लॉकर बरामद हुआ है

सीबीआई को छापेमारी के दौरान एक लॉकर बरामद हुआ है. इस लॉकर में अलग-अलग लिफाफे में अलग-अलग लोगों के नाम लिखकर पैसे रखे हुए थे. सीबीआई अधिकारियों का मानना है कि यह रिश्वत के लिफाफे थे. अब तक की छापेमारी के दौरान सीबीआई को तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की नगदी और 1 किलो सोना बरामद हुआ है. साथ ही सीबीआई को एक डायरी भी हाथ लगी है. जिसमें एफसीआई के अनेक अधिकारियों के नाम शामिल हैं और उनके आगे यह भी लिखा हुआ है कि उन्हें रिश्वत की कितनी-कितनी रकमें दी गई थी.

डायरी के बरामद होने से एफसीआई के बड़े अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है

सूत्रों के मुताबिक इस डायरी के बरामद होने से एफसीआई के बड़े अधिकारियों में भी हड़कंप मचा हुआ है. फिलहाल सीबीआई गिरफ्तार चारों आरोपियों को भोपाल की विशेष सीबीआई अदालत में पेशकर रिमांड पर लेगी. जहां उनसे आगे की पूछताछ की जाएगी. सीबीआई जानना चाहती है कि रिश्वत की रकम एफसीआई के किन बड़े अधिकारियों तक पहुंचती थी. मामले की जांच जारी है.

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