18 साल से ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति को वैक्सीन के लिए 21 जून बाद क्या करना पड़ेगा ? : भारत सरकार ने कोविड-19 टीकाकरण नीति में फिर बदलाव किया है। अब राज्यों के बजाय केंद्र सरकार ही भारत में बनने वाली सभी वैक्सीन खरीदेगी। अभी तक राज्यों को 25% वैक्सीन ओपन मार्केट से लेनी पड़ती थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम राष्ट्र के नाम संबोधन मुफ्त टीकाकरण का भी ऐलान किया।
उन्होंने कहा कि 21 जून से 18 साल से ज्यादा उम्र वाले हर व्यक्ति को सरकार मुफ्त में टीका लगाएगी। हालांकि निजी अस्पतालों में वैक्सीन के लिए पहले की तरह कीमत चुकानी होगी।
18 साल से ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति को वैक्सीन के लिए 21 जून बाद क्या करना पड़ेगा ? : अब केंद्र सरकार कुल वैक्सीन उत्पादन का 75% खरीदेगा और उन्हें राज्यों को देगा। इनसे प्राथमिकता समूहों के अलावा, 45+ और 18-44 एजग्रुप के लोगों को मुफ्त टीका लगेगा। राज्य सरकारों को कोई खरीद नहीं करनी होगी। वे सिर्फ केंद्र से मिली वैक्सीन को लगाएंगे। निजी अस्पतालों के लिए पहले जैसी ही व्यवस्था जारी रहेगी।
वर्तमान में केंद्र सरकार भारत में बनने वाले टीकों की 50% खुराक खरीदती है। फिर प्राथमिकता समूहों और 45 साल से ज्यादा उम्र वालों के टीकाकरण के लिए राज्यों को मुफ्त में अलॉट करती है। राज्य सरकारों को 1 मई से 18-44 आयुवर्ग के लिए बाजार से वैक्सीन की 25% डोज खरीदनी पड़ रही हैं। हालांकि ज्यादातर राज्य सरकारें इस एजग्रुप के लोगों को सरकारी सेंटर्स पर मुफ्त में टीका लगा रही हैं। प्राइवेट अस्पतालों को केंद्र से बाकी 25% डोज के अलावा मैनुफैक्चरर्स से डील करने की छूट दी। अधिकतम सर्विस चार्ज 150 रुपये प्रति डोज था।
तरीका पुराना ही रहेगा। ऐक्टिव केसलोड, वैक्सीनेशन की परफॉर्मेंस और बर्बादी के आधार पर डोज अलॉट की जाएंगी। 18-44 एजग्रुप में भी अगर राज्य सरकार कोई प्रॉयरिटी ग्रुप बनाना चाहें तो कर सकते हैं।
1 मई से राज्यों को वैक्सीन खरीदने की छूट दी गई थी। मगर कई राज्य सरकारों ने कहा कि वैक्सीन कंपनियां सीधे उनसे सौदा नहीं कर रही हैं। इससे टीकाकरण की रफ्तार पर खासा असर पड़ा। विपक्ष के कई नेताओं समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने मांग की कि वैक्सीन की खरीद भारत सरकार करे और राज्यों को दे। 1 मई से पहले वही व्यवस्था थी जो अब आगे होने जा रही है।
केंद्र सरकार ने भारत बायोटेक (BB) और सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से वैक्सीन की डील कर रखी है। Covishield और Covaxin, दोनों टीके केंद्र सरकार 150 रुपये प्रति डोज के हिसाब से खरीदती है।
वैक्सीन सभी सरकारी और प्राइवेट कोविड-19 टीकाकरण केंद्रों पर उपलब्ध होगी। फर्क इतना होगा कि सरकारी सेंटर्स पर आपको मुफ्त में वैक्सीन लगेगी चाहे आप 18+ से ऊपर किसी भी आयुवर्ग में आते हों। जबकि प्राइवेट में वैक्सीन के लिए आपको कीमत चुकानी होगी।
नहीं। आप पहले की तरह CoWIN पर रजिस्ट्रेशन के बाद स्लॉट बुक कर सकते हैं। अगर नजदीकी सेंटर पर टीके उपलब्ध हुए तो आप सीधे वहां जाकर भी वैक्सीन लगवा सकते हैं। केंद्र ने पिछले दिनों 18+ से ऊपर सभी लोगों को वॉक-इन रजिस्ट्रेशन की छूट दे दी थी।
भारत बायोटेक की वैक्सीन Covaxin की एक डोज के लिए प्राइवेट अस्पताल 1,200 रुपये चुकाते हैं जबकि SII की Covishield 600 रुपये प्रति डोज में खरीदते हैं। केंद्र सरकार ने वैक्सीन लगाने के लिए अधिकतम सर्विस चार्ज 150 रुपये तय किया है। यानी आपको प्राइवेट अस्पताल परिसर में Covishied के लिए अधिकतम 750 रुपये और Covaxin के लिए अधिकतम 1,350 रुपये अदा करने होंगे।
ऐसी संभावना है कि केंद्र सरकार नॉन-ट्रांसफरेबल इलेक्ट्रॉनिक वाउचर्स जारी कर सकती है। इनके जरिए आर्थिक रूप से पिछड़े लोग निजी अस्पतालों में टीका लगवा पाएंगे। यह वाउचर केवल वही व्यक्ति इस्तेमाल कर पाएगा जिसके लिए यह जारी किया गया होगा। इसे मोबाइल पर डाउनलोड कर सकेंगे। वैक्सीनेशन सेंटर पर ई-वाउचर को स्कैन करते ही पैसा पहंच जाएगा। इसका स्टेटस CoWIN पर भी दिखाएगा।
चूंकि केंद्र ने सर्विस चार्ज की जो लिमिट तय की है, वह प्राइवेट अस्पतालों के लिए है। अगर उससे इतर किसी जगह- जैसे कंपनी परिसर, सोसायटी परिसर वगैरह में प्राइवेट अस्पताल से टाई-अप कर वैक्सीनेशन होता है तो उसपर अस्पताल कितना चार्ज वसूल सकते हैं, इसपर स्पष्ट गाइडलाइंस नहीं हैं। पिछले दिनों ऐसी जगहों पर वैक्सीन के लिए 2,000 रुपये प्रति डोज तक वसूले जाने की खबरें आई हैं।
केंद्र सरकार राज्यों को पहले बता देगी कि उन्हें किस महीने कितनी डोज मिलेंगी। राज्यों को जिलों को जानकारी देनी होगी कि वहां कितनी डोज सप्लाई की जाएगी। PTI ने भारत सरकार के सूत्रों के हवाले से कहा है कि अगस्त से दिसंबर तक 133.6 करोड़ खुराकों की सप्लाई हो जाएगी।
प्राथमिकता तो ज्यादा उम्र वालों का पहले टीकाकरण करने की है। हालांकि राज्यों को यह अधिकार मिल सकता है कि वे 18-44 एजग्रुप में भी प्रॉयरिटी ग्रुप्स बना सकें। यानी अगर कोई राज्य चाहता है तो 30-44 साल के लोगों को पहले टीका दे और बाद में 18-29 साल के लोगों को तो वह ऐसा कर पाएगा।