डेस्क न्यूज – Smartphone : कभी 251 रुपये में ‘Freedom 251’ Smartphone देने का दावा कर सुर्खियों में आने वाले मोहित गोयल अब 200 करोड़ रुपये की कथित जालसाजी में फंस गये हैं।
उन पर कई ड्राई फ्रूट व्यापारियों को धोखा देने का आरोप है।
यूपी पुलिस ने पिछले हफ्ते मोहित गोयल को नोएडा सेक्टर 51 स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था,
उनके साथ पांच और लोग गिरफ्तार किये गये थे।
सबसे सस्ता Smartphone देने का दावा
साल 2017 में मोहित गोयल ने तब काफी सुर्खियां बंटोरी थीं,
जब उन्होंने भारत में सबसे सस्ता स्मार्टफोन ‘Freedom 251’ (रिंगिंग बेल) सिर्फ 251 रुपये में देने का दावा कर लोगों से पैसा वसूलना शुरू किया था।
किसी को भी फोन नहीं मिला तो खूब हो-हल्ला शुरू हुआ।
किसी भी टेलीकॉम कंपनी के प्लान से भी कम में मोबाइल फोन मिलता देख लोग लाइन में लग गए और लाखों की तादाद में ऑनलाइन फोन बुक किए गए।
लेकिन किसी को भी फोन नहीं मिला तो खूब हो-हल्ला शुरू हुआ।
इसे जालसाजी मानते हुए तब भी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।
बाद में वह जमानत पर रिहा हो गये थे। इसके बाद वह साल 2018 में एक फिरौती के केस में भी फंसे थे।
अब जालसाजी का नया मामला
असल में मोहित गोयल नोएडा सेक्टर 62 में स्थित प्रीमियर ऑफिस कॉम्प्लेक्स Corenthum से ‘दुबई ड्राई फ्रूट्स ऐंड स्पाइस हब’ नाम की एक कंपनी चलाते हैं।
पुलिस का कहना है कि उनके खिलाफ पंजाब, राजस्थान,
हरियाणा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अन्य कई राज्यों में करीब 40 शिकायत दर्ज की गई हैं।
एक रिपोर्ट के अनुसार, गोयल चार अन्य लोगों की मदद से यह कंपनी चला रहे थे।
कंपनी में रिसेप्शनिस्ट के पद पर तीन विदेशी नागरिकों को भी नौकरी दी गयी थी।
व्यापारियों को धोखा दिया
नोएडा के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त लव कुमार ने बताया कि गोयल और उनके सहयोगियों ने व्यापारियों को धोखा दिया है। गोयल की कंपनी बाजार से ऊंचे रेट से ड्राई फ्रूट खरीदती थी।
पहले उन्होंने ऑर्डर पर समय से भुगतान कर व्यापारियों का भरोसा जीता।
कई बार तो उन्होंने एडवांस भुगतान भी कर दिया।
लेकिन बाद में उन्होंने भुगतान करना बंद कर दिया और उनके चेक बाउंस होने लगे।
गोयल के खिलाफ कई व्यापारियों ने CrPC 156 (3) के तहत मामला दर्ज कराया और भुगतान दिलाने के लिए कोर्ट से संपर्क किया।
पुलिस ने 24 दिसंबर, 2020 को ही कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी, जब नोएडा सेक्टर 65 के एक व्यापारी रोहित मोहन ने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी।