अपने बच्चों और भाई-बहनों के दोस्त बनों, समाज में समस्याएं पैदा ही नहीं होगी

यह राय वीडियो भेजने वाले और ग्रुप वालों के बारे में नहीं है, ये है इन वीडियोज के बनने और इन्हें इस तरह वायरल होने के बारे में है
अपने बच्चों और भाई-बहनों के दोस्त बनों, समाज में समस्याएं पैदा ही नहीं होगी

अभिव्यक्ति – सोमवार को एक ग्रुप में 67 वीडियो आये, ग्रुप सहपाठी दोस्तों का है जो बस हंसी मजाक के लिए और चिलिंग के मकसद से है, ये वीडियो भी इसी मकसद से थे कंप्लीट अश्लील सामग्री (पोर्न कंटेंट)

यह राय वीडियो भेजने वाले और ग्रुप वालों के बारे में नहीं है, ये है इन वीडियोज के बनने और इन्हें इस तरह वायरल होने के बारे में है

इनमें 3-4 को छोड़कर सभी वीडियो इंडियन थे और करीब 50 वीडियो ऐसे थे

1. जो लड़का लड़की को किसी जगह लुक छुप कर या पब्लिक प्लेस पर एकांतवास करते हुए पकड़े जाने पर पकड़ने वाले लोगों द्वारा जबरदस्ती करते हुए और वीडियो बनाने बनाते हुए के हैं।

2. कुछ वीडियो चैट पर अपने bf द्वारा न्यूड होने का कह कर उसे रिकॉर्ड करके वायरल कर दिए गए वीडियो हैं

3. कुछ लड़के के साथ अपनी इच्छा से जाने के बाद लड़के द्वारा आपत्तिजनक स्थिति में लड़की के जबरदस्त विरोध के बाद भी रिकॉर्ड किये हुए वीडियो,

4. कुछ दोनों ही पार्टनर्स की मूर्खता के थे जिसमें खुद ही खुशी खुशी उस स्थिति को रिकॉर्ड किये गए वीडियो थे

इनमें अधिकतम वीडियो में लड़कियां वो थी जो बुद्धि से अभी परिपक्व नहीं हुई है बस संविधान के अनुसार व्यभिचार के लिए तैयार हुई है, अर्थात 14 से 20 वर्ष उम्र की, कुछ उम्र से परिपक्व भी थी वो विवाहित या अविवाहित दोनो हो सकती थी पर कम पढ़ी लिखी या ग्रामीण थी।

अगर लड़का लड़की को एकांत में पकड़कर जबरदस्ती करने जैसे वीडियो को छोड़ दें तो एक भी वीडियो रेप नहीं था, पर जिन लड़कों ने भी ऐसा किया वो रेप करने जितना ही हिनियस क्राइम है, 

ये रेप से अलग है क्योंकि इसके लिए जिम्मेदार लड़कियां भी है, बस वो अपराधी नहीं हैं क्योकि उनकी मूर्खता की वजह से ही ऐसा हुआ। ये रेप से अलग है इसलिए है कि रेप विक्टिम के साथ पूरे समाज की सहानुभूति होती है, उसके न्याय के लिए पूरा समाज संघर्ष करता है,

जबकि इसमें इन लड़कियों के साथ कोई सहानुभूति नहीं, बल्कि इनकी सामाजिक छवि बुरी तरह धूमिल हो चुकी होती हैं, कुछ इसके बाद आत्म हत्या कर लेती हैं कुछ को उसके मां बाप भाई ही जान से मार देते हैं।

जिनके साथ ऐसा होता है या जो ऐसा हो लेने देती हैं उनके लिए दावा तो नहीं पर मुझे यकीन है कि अधिकतर लड़कियां ऐसे परिवेश से होती हैं जिनके यहां किसी लड़के के साथ सामान्य अवस्था में भी फ़ोटो देखा जाना सहज नहीं होता इसी पर उनके परिवार में बवाल हो जाता है

जब ये ऐसा कर रहे थे तब इनको अंदाजा भी नहीं रहा होगा को ये वीडियो इन दोनों की गोपनीयता से निकल कर बाहर आ गए तो कहां तक जाएंगे?

इंटरनेट पर इस तरह के हजारों वीडियो हैं ये कंटेंट इस तरह के विमर्श या किसी विचार के साथ वाइरल नहीं होते, बल्कि मजे लेने के लिए होते हैं जिनके पास आये और जिन्होंने इन्हें आगे बढाया वो तो इतना सोचते भी नहीं कि इनकी कहानी क्या है?

ये वीडियो बाहर आने के बाद क्या हुआ होगा ये कोई नहीं सोचता क्योकि वीडियो ऐसा सोचने पर आपको विवश भी नहीं करता अगर आप ज्यादा दिमाग नहीं लगा रहे हैं तो ।

इसे रोकने का बहुत साधारण तरीका है अपने घर में, अपने रिश्तेदारी में, अपनी जान पहचान, पड़ोस में 14 से अधिक उम्र होते ही उनके साथ इन विषयों को खुल कर चर्चा करें क्योंकि उनके साथ जो हुआ उनके लिए वो आंशिक जिम्मेदार हैं अधिक जिम्मेदार वो हैं जिन्होंने उन्हें क्या करना है क्या नहीं करना और इसके परिणाम क्या होते हैं ये नहीं बताया।

रामायण के श्री राम की कीर्ति को धूमिल करना और सीता को नारी जाति पर उत्पीड़न का दोषी मानने जैसी घटिया हरकतों को छोड़ें ,  और खुद और अपने भाई बहनों को और बच्चों को इन चरित्रों के बारे में श्रद्धा से पढ़ायें, बताएं जिससे ना कोई लड़का किसी लड़की के साथ इस तरह की घटिया हरकत करेगा और न ही कोई लड़की अपने साथ ऐसा होने देगी।

अपने बच्चों के अपने छोटे भाई बहनों के दोस्त बनों और उनके साथ खुल कर चर्चा करो उन्हें गलत सही का फ़र्ज बताओ उन्हें बताओ आपके समाज मे क्या क्या होता है वो इन घटनाओं को जानकर इनसे प्रेरित नहीं होंगे बल्कि इनके परिणामों की भयावहता को देखकर, अपने साथ ऐसा नहीं होने देने को लेकर और अधिक सावधान होंगे, और सबसे जरूरी पहले खुद इन सब समस्याओं को समझों।

Note –  यह लेखक के निजी विचार है  – दिनेश शर्मा (पत्रकार)

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