कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच एक राज्य में दूसरे राज्यों के सीमावर्ती जिलों में रहने वाले लोगों के वैक्सीन लगवाने को लेकर विवाद सामने आ रहे हैं। यह विवाद सिर्फ एक राज्य नहीं बल्कि यूपी से लेकर बिहार और राजस्थान में भी सामने आया है। कई राज्यों के लोगों की शिकायत है कि पड़ोसी राज्यों के लोग उनके राज्य में आकर वैक्सीन लगवा ले रहे हैं। ऐसे में उनके अपने जिले को लोग वैक्सीनेशन से वंचित रह जाएंगे।
बिहार-यूपी के बॉर्डर इलाकों के वैक्सीनेशन सेंटरों पर स्वास्थ्यकर्मियों के
लिए दुविधा की स्थिति बन गई है। इसकी वजह यूपी से बिहार आकर कोरोना
वैक्सीन लगवाने वाले लोग हैं।
बिहार में यूपी से पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, बक्सर और कैमूर जिले में वैक्सीन के लिए लोग पहुंच रहे हैं।
इन सीमावर्ती जिलों में कहीं जानकारी के अभाव में यूपी के लोगों को टीका दिया जा रहा है,
तो कहीं साफ-साफ लिखा है कि यहां सिर्फ बिहार के लोगों को टीका दिया जाता है।
पहले जब टीकाकरण शुरू हुआ था, तो पश्चिम चंपारण के कुछ सेंटरों यूपी से लोग भी यहां आकर टीका लगवाते थे। उस समय बिहार और यूपी को केंद्र सरकार ने मुफ्त में वैक्सीन उपलब्ध कराई थी। अब दोनों राज्यों को वैक्सीन खरीदनी पड़ रही हैं। ऐसे में यहां साफ तौर पर सीमा विवाद है कि यूपी के लोगों को बिहार में टीका नहीं दिया जाए।
उत्तर प्रदेश प्रशासन की नई गाइडलाइन्स के मुताबिक केवल यूपी वासियों को ही वैक्सीन लगाई जाएगी। इस बात से दिल्ली समेत एनसीआर में रहने वाले लोग असमंजस में हैं। नोएडा में कई अन्य राज्यों से लोग आकर नौकरी करते हैं। हालांकि, केंद्र सरकार के cowin पोर्टल पर कोई भी अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। ऐसे में यहां रहने वाले नौकरीपेशा लोगों में मन में सवाल है कि वैक्सीन लेने के लिए क्या करें।
गौतम बुद्ध नगर के सीएमओ दीपक ओहरी का कहना है कि अगर हम अन्य राज्यों से आने वाले लोगों को वैक्सीन देते हैं, तो राज्य के लोगों के लिए वैक्सीन पर्याप्त नहीं होगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि नोएडा में रहने वाले लोग लोकल प्रूफ जैसे रेंट एग्रीमेंट, लीज़ पेपर, या बिजली का बिल लेकर वैक्सीनेशन सेंटर पर आते हैं तो उन्हें वैक्सीन लगाई जाएगी। हालांकि केंद्र ने इस तरह की कोई गाइडलाइन्स जारी नहीं की है, जिसमें किसी भी व्यक्ति को वैक्सीन के लिए लोकल एड्रेस का प्रमाण देना पड़े।
गुजरात तथा मध्य प्रदेश के सीमावर्ती उदयपुर संभाग के जिलों में इन राज्यों के लोग भी टीका लगवा रहे हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर बताया कि ऑनलाइन वैक्सीन रजिस्ट्रेशन का फायदा गुजरात तथा मध्य प्रदेश के युवा उठा रहे हैं। वह राजस्थान में चल रहे 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों के वैक्सीनेशन का हिस्सा बनकर वैक्सीन लगवा रहे हैं। कटारिया ने मुख्यमंत्री को सुझाव दिया कि जिन सेंटरों पर वैक्सीनेशन हो रहा है, उनमें केवल आसपास के क्षेत्र और गांवों के लोगों का वैक्सीनेशन किया जाए।
बेतिया में एक वैक्सीनेशन सेंटर के प्रबंधक जितेंद्र कुमार का कहना है कि आदेश है कि बाहर के राज्य वालों को टीका नहीं देना है। भले वो यूपी के हों, लेकिन उनको बिहार में रहने का प्रमाण पत्र दिखाना होगा। ऊपर से आदेश है कि केंद्रों पर सिर्फ बिहार के लोगों को ही वैक्सीन दी जाए। बक्सर में भी पिछले दिनों यूपी के कई युवकों को बिना वैक्सीन लगाए ही लौटा दिया गया। इस वजह से बीते सोमवार को कर्मियों के साथ झड़प हो गई। इसके बाद एक घंटे तक वैक्सीनदेने का काम बंद रहा।