राजस्थान में चुनाव नजदीक है और दो सीटों पर चुनाव भी होने जा रहे है फ़िलहाल बीजेपी और कांग्रेस में भी वार प्रत्यावर का दौर जारी है वही कई ऐसे वॉर भी किये गए जिनको लेकर अंतर कलह भी तेजी होगयी है।
वही मुख़्यमंत्री भी एक्शन में नजर आये गलत तरीके से कमाई करने वाले प्राइवेट स्कूलों और अस्पतालों को खरी-खरी सुनाई है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र प्रॉफिट वाला नहीं है। इसमें कोई व्यापार नहीं होना चाहिए। यह समाजसेवा वाला काम है। जो इसमें प्रॉफिट कमाते हैं, वे गलत काम करते हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा में पैसा कमा नहीं सकते, लेकिन बैकडोर से कमाने का रास्ता निकाल लेते हैं। गहलोत शनिवार को भगवान महावीर कैंसर अस्पताल के 25वें स्थापना दिवस पर कैंसर केयर भवन के शिलान्यास समारोह में बोल रहे थे।
गहलोत ने कहा कि अस्पताल चलाने वालों को यह साफ करना चाहिए कि जो प्रॉफिट कमाते हैं, वह अस्पताल के विस्तार में ही लगाया जाता है। देश में कई बड़े अस्पताल हैं। कई अच्छे काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ कई अस्पतालों में इलाज की कीमत ज्यादा होती है। इस देश में संस्कार ऐसे हैं कि बूढ़े मां-बाप के कैंसर होने पर भी सब कुछ बेचकर लोग इलाज करवाते हैं। कई बड़े अस्पतालों को बिल लाखों में होता है।
गहलोत ने आगे कहा कि कोरोना ने बड़े अस्पतालों की पोल खोल दी है, जो अस्पताल गलत काम करते हैं उनकी पोल खोल दी। पैसे वालों को पता लग गया कि पैसा ही सब कुछ नहीं है। मुंबई बैंगलोर में पैसे वाले कहने लगे कि हम भिखारी बन गए, एक बेड तक नहीं मिला। जहां-जहां प्राइवेट अस्पताल खड़े हुए, वहां यह हालत बनी। राजस्थान में ये हालात नहीं बने। हमने प्राइवेट अस्पतालों को अनुमति दी, लेकिन साथ में सरकारी क्षेत्र में अस्पतालों का पूरा विकास किया। आज एसएमएस अस्पताल में प्राइवेट अस्पताल से लोग शिफ्ट हो रहे हैं। कुछ कमियां जरूर हैं जिन्हें ठीक करना है।