संजय राउत; मोहम्मद अली जिन्ना को मारा होता तो विभाजन को शायद रोका जा सकता था

14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने की जरूरत नहीं होती।
संजय राउत; मोहम्मद अली जिन्ना को मारा होता तो विभाजन को शायद रोका जा सकता था

तालिबान की व्याख्या अब मुंबई तक होने लगी है शिवसेना सांसद संजय राउत ने भारत के विभाजन की तुलना अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति से करते हुए रविवार को कहा कि यह घटना देश की संप्रभुता तथा अस्तित्व की तबाही के दर्द की याद दिलाती है। पार्टी के मुखपत्र सामना में प्रकाशित अपने साप्ताहिक स्तंभ 'रोकटोक' में राउत ने यह भी कहा कि अगर नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की बजाय पाकिस्तान के निर्माता मोहम्मद अली जिन्ना को मारा होता तो विभाजन को शायद रोका जा सकता था और 14 अगस्त को 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मनाने की जरूरत नहीं होती।

पाकिस्तान के 11 करोड़ मुसलमानों को लेकर उनका क्या प्लान है।

मराठी दैनिक के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि अफगानिस्तान में जो स्थिति है वह मुझे देश के अस्तित्व और संप्रभुता की तबाही की याद दिलाती है।

उम्मीद पर दुनिया कायम है

राउत ने भारत के विभाजन की तुलना अफगानिस्तान की वर्तमान स्थिति से करते हुए कहा कि अफगानिस्तान के सैनिक वहां से भाग गए. विभाजन के दर्द को तब तक नहीं भुलाया जा सकता जब तक अलग किया गया हिस्सा वापस नहीं लिया जाता। संजय राउत ने कहाकि अखंड भारत होना चाहिए ऐसा हम मानते हैं, लेकिन यह संभव होगा यह नहीं लगता, लेकिन उम्मीद पर दुनिया कायम है. अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (अखंड हिंदुस्तान चाहते हैं तो उनका स्वागत है, उन्हें बताना होगा कि पाकिस्तान के 11 करोड़ मुसलमानों को लेकर उनका क्या प्लान है।

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com