डेस्क न्यूज – किसानों के 35 दिन के संघर्ष के बाद सातवें दौर की बातचीत में दो मुद्दों पर सहमति बनी। हर बार की तरह इस बार भी किसान अपना खाना साथ लाए थे।
केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल किसानों के लंगर में शामिल हो गए।
किसानों के साथ इनकी तीन घंटे की बैठक के बाद दो मुद्दों पर सहमति बनी।
इसके साथ बैठक में ये भी तय हुआ कि अगली बैठक 4 जनवरी को दोपहर 2 बजे से होगी।
सरकार ने खाया किसानों के साथ खाना
इस बैठक में सरकार ने किसानों के साथ बैठकर लंगर में शामिल होकर खाना खाया।
जब किसानों के साथ मंत्रियों ने खाना खाया तो इसके साथ ही लगा कि किसानों का नमक खाकर कुछ अदा करके जायेंगे।
किसान हमेशा की तरह लंगर में बनी दाल-रोटी अपने साथ ही लाए थे।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने उनके साथ खाना खाया।

मुद्दें जिनपर सरकार और किसानों के बीच मतभेद
किसानों और सरकार के बीच 4 मुद्दों पर मतभेद थे –
पहला- सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस ले।
दूसरा ये था कि सरकार यह लीगल गारंटी दे कि वह मिनिमम सपोर्ट प्राइस यानी एमएसपी जारी रखेगी। तीसरा- बिजली बिल वापस लिया जाएगा।
चौथा- पराली जलाने पर सजा का प्रावधान वापस लिया जाए।
अभी भी दो मतभेद बाकी
सरकार और किसानों के बीच बिजली बिल और पराली से जुड़े मुद्दों पर सहमति बन गई ।
इसपर सरकार किसानों की बात माननें को राजी हो गई।
सरकार जब थोड़ी झुकी तो किसान नेताओं के रुख भी नरम दिखे। लेकिन कृषि कानूनों को वापस लेने और मिनिमम सपोर्ट प्राइस पर सरकार सहमत नही हुई।
पूरी बैठक में किसान यूनियन तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करती रही लेकीन सरकार ने किसानों की इस मांग को नही माना ।
सरकार किसानों को ये समझाती रही कि ये बील उनके फायदे के लिए है और यह कहते रहे कि ये पहले की तरह ही जारी रहेगी। अगली बैठक में इन दो मुद्दों पर बात होगी।