टीकों की संख्या देखे बिना सरकार ने बढ़ाया टीकाकरण अभियान का दायरा- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोरोना टीकों की घोर किल्लत ने कोढ़ में खाज जैसे हालात बना रखे हैं। लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनियों में से एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव ने इन हालात का ठीकरा सरकार के ही सिर फोड़ दिया है
टीकों की संख्या देखे बिना सरकार ने बढ़ाया टीकाकरण अभियान का दायरा- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया
Updated on

कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोरोना टीकों की घोर किल्लत ने कोढ़ में खाज जैसे हालात बना रखे हैं। लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनियों में से एक सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव ने इन हालात का ठीकरा सरकार के ही सिर फोड़ दिया है।

सरकार ने टीकों के स्टॉक का आकलन किए बिना ही विभिन्न आयु वर्गों के लोगों का टीकाकरण शुरू कर दिया-सीरम 

पुणे स्थित कंपनी के कार्यकारी निदेशक ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने

डब्ल्यूएचओ के दिशानिर्देशों और अपने पास मौजूद टीकों के स्टॉक का

आकलन किए बिना ही विभिन्न आयु वर्गों के लोगों का टीकाकरण शुरू कर दिया।

एक हेल्थ एडवोकेसी प्लेटफार्म की तरफ से आयोजित वर्चुअल सेमिनार में

जाधव ने कहा कि देश को डब्ल्यूएचओ के निर्देशों का पालन करना चाहिए

और उसके हिसाब से ही टीकाकरण की प्राथमिकता तय करनी चाहिए।

शुरुआत में 30 करोड़ लोगों को टीका दिया जाना था, जिसके लिए 60 करोड़ खुराक की आवश्यकता थी

उन्होंने कहा, शुरुआत में 30 करोड़ लोगों को टीका दिया जाना था,

जिसके लिए 60 करोड़ खुराक की आवश्यकता थी। लेकिन हमारे तय लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही

सरकार ने पहले 45 साल से ऊपर के और फिर 18 साल से अधिक उम्र के

सभी लोगों के लिए टीकाकरण कार्यक्रम के दरवाजे खोल दिए।

सरकार ने यह कदम इसके बावजूद यह अच्छी तरह जानते हुए उठाया कि इतनी संख्या में टीके उपलब्ध ही नहीं है

सरकार ने यह कदम इसके बावजूद यह अच्छी तरह जानते हुए उठाया कि इतनी संख्या में टीके उपलब्ध ही नहीं है। जाधव ने कहा, यह हमारा सीखा गया सबसे बड़ा सबक है। हमें उत्पाद की उपलब्धता को ध्यान में रखना चाहिए और फिर इसका विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना चाहिए।

टीकाकरण अनिवार्य है, लेकिन खुराक लेने के बाद भी लोग संक्रमण का शिकार हो सकते हैं-सीरम

सीरम के कार्यकारी निदेशक जाधव ने चेतावनी देते हुए कहा कि टीकाकरण अनिवार्य है, लेकिन खुराक लेने के बाद भी लोग संक्रमण का शिकार हो सकते हैं।

उन्होंने कहा, इसलिए सतर्क रहें और कोविड निवारण दिशानिर्देशों का पालन करें। हालांकि भारतीय स्वरूप का डबल म्यूटेंट भी मौजूदा टीकों से न्यूट्रलाइज्ड हो जाएगा, तब भी आगामी स्वरूप टीकाकरण में समस्या पैदा कर सकते हैं। अभी यह कहना जल्दबाजी है कि कौन सा टीका ज्यादा प्रभावी साबित होगा और कौन सा नहीं।

Like and Follow us on :

logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com