टूल किट मामले पर केंद्र सरकार ने ट्विटर को सख्त हिदायत दी है। सरकार ने शुक्रवार को ट्विटर से कहा कि ट्विटर मैनिपुलेटेड मीडिया टैग का इस्तेमाल बंद करे, क्योंकि अभी टूलकिट मामले की जांच एजेंसी कर रही है। केंद्रीय IT मंत्रालय ने कहा कि एजेंसी टूलकिट के कंटेंट की जांच कर रही है, न कि ट्विटर की।
केंद्र ने कहा कि आप जांच पूरी होने तक इस प्रक्रिया में दखल न दें। जब तक
यह मामला जांच के दायरे में है तब तक ट्विटर अपना फैसला नहीं सुना
सकती है। दरअसल, ट्विटर ने BJP के प्रवक्ता संबित पात्रा के कुछ ट्वीट पर
मैनिपुलेटेड मीडिया का टैग लगाकर दिखाया था। ये ट्वीट कांग्रेस की टूल किट को लेकर किए गए थे।
IT और इलेक्ट्रॉनिक्स मिनिस्ट्री ने ट्विटर की ग्लोबल टीम को लिखा कि
भारतीय राजनेताओं द्वारा किए गए कुछ ट्वीट में मैनिपुलेटेड मीडिया टैग का इस्तेमाल बंद करें।
इस मामले में संबंधित पार्टी ने लोकल एजेंसी में शिकायत की है और इसकी जांच अभी जारी है।
एक तरफ सरकारी जांच एजेंसी अपनी छानबीन कर रही है, दूसरी ओर ट्विटर मैनिपुलेटेड मीडिया जैसे टैग का इस्तेमाल कर जांच पूरी होने से पहले ही एकतरफा फैसला सुना दे रही है। इस तरह की टैगिंग दिखाती है कि ट्विटर पहले से फैसला कर रही है, वो पूर्वाग्रही है और जांच को नया रंग देने की कोशिश कर रही है।
सरकार ने कहा कि ट्विटर का ये कदम साफ तौर पर निष्पक्ष तौर से चल रही जांच को प्रभावित करने वाला और एकतरफा है। यह उसके दायरे के भी बाहर है और हम इसका विरोध करते हैं। ट्विटर ने अपने आप ही कुछ ट्वीट को मैनिपुलेटेड मीडिया टैग से डेजिग्नेट करने का फैसला लिया, जबकि एजेंसी के पास इस मामले की जांच चल रही थी। इससे निष्पक्ष प्लेटफॉर्म के तौर पर ट्विटर की विश्वसनीयता कम होती है। इस कदम से ये सवाल उठता है कि ट्विटर मध्यस्थ या पंच बन रहा है।
ट्विटर की पॉलिसी के मुताबिक, अगर किसी तरह की जानकारी जो आपने ट्वीट की है, उसका सोर्स सटीक नहीं है और उपलब्ध जानकारी भी गलत है तो इस पर मैनिपुलेटेड मीडिया का लेबल लगाया जाता है। ये वीडियो, ट्वीट, फोटो या अन्य किसी भी कंटेंट पर लगाया जाता है।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प के कई ट्वीट्स पर इस तरह का लेबल लगा दिया गया था। बाद में डोनाल्ड ट्रम्प का अकाउंट परमानेंट सस्पेंड कर दिया गया