सरकार के निशाने पर गांधी परिवार, RGF सहित 3 ट्रस्ट की होगी जांच

गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी प्रतिष्ठान, राजीव गांधी धर्मार्थ न्यास और इंदिरा गांधी स्मृति न्यास द्वारा विभिन्न वित्तीय प्रावधानों के उल्लंघन की जांच में समन्वय के लिए एक अंतरमंत्रालयी समति का गठन किया
सरकार के निशाने पर गांधी परिवार, RGF सहित 3 ट्रस्ट की होगी जांच

डेस्क न्यूज. केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी प्रतिष्ठान, राजीव गांधी धर्मार्थ न्यास और इंदिरा गांधी स्मृति न्यास द्वारा विभिन्न वित्तीय प्रावधानों के उल्लंघन की जांच में समन्वय के लिए एक अंतरमंत्रालयी समति का गठन किया है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी प्रतिष्ठान, राजीव गांधी धर्मार्थ न्यास और इंदिरा गांधी स्मृति न्यास द्वारा धन शोधन अधिनियम, आयकर अधिनियम, विदेशी अंशदान अधिनियम आदि के विभिन्न कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन की जांच में आपसी मेल के लिए एक अंतरमंत्रालयी समिति का गठन किया है।

वेबसाइट के अनुसार 1991 से 2009 तक फाउंडेशन ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम किया.

प्रवक्ता ने कहा है कि प्रवर्तन महानिदेशालय के विशेष निदेशक समिति के अध्यक्ष होंगे। उल्लेखनीय है कि इन प्रतिष्ठानों में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के बाद ये जांच के घेरे में हैं। भारतीय जनता पार्टी इस मुद्दे पर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा करती रही है।

गौरतलब है की  बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा ने बीते दिनों एक वर्चुअल रैली में भी कांग्रेस की अंतरिम अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा था, मुझे यह जानकर आश्‍चर्य हुआ कि 2005-06 में राजीव गांधी फाउंडेशन को चीनी दूतावास और चीन की ओर से 3 लाख डॉलर चंदे के रूप में मिले थे. यह कांग्रेस और चीन के बीच गुप्‍त रिश्‍ता है.

1991 से 2009 तक फाउंडेशन ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम किया

नड्डा ने कहा था, 2017 में डोकलाम विवाद के समय राहुल गांधी चीनी राजदूत के साथ गुपचुप मुलाकात करते हैं और उनकी पार्टी ने देश को गुमराह किया. इस समय गलवान घाटी विवाद के बाद भी कांग्रेस देश को गुमराह कर रही है. गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम से इस फाउंडेशन की शुरुआत 21 जून 1991 को की गई थी. राजीव गांधी फाउंडेशन की वेबसाइट के अनुसार 1991 से 2009 तक फाउंडेशन ने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम किया.

साल 2010 में राजीव गांधी फाउंडेशन ने शिक्षा क्षेत्र पर विशेष काम करने का फैसला किया

बताया जाता है कि साल 2010 में राजीव गांधी फाउंडेशन ने शिक्षा क्षेत्र पर विशेष काम करने का फैसला किया. फाउंडेशन की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं. साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, पी. चिदंबरम, प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन, डॉक्टर अशोक गांगुली, मोंटेक सिंह अहलूवालिया, सुमन दुबे, राहुल गांधी, डॉ. शेखर राहा, संजीव गोयनका और प्रियंका गांधी वाड्रा फाउंडेशन के सदस्य हैं.

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