महान धावक मिल्खा सिंह का शनिवार शाम चंडीगढ़ के मटका चौक स्थित श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। उनका शुक्रवार को 91 साल की उम्र में निधन हो गया। उनके अंतिम संस्कार के दौरान केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू, पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर और हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह भी मौजूद थे। इससे पहले मिल्खा सिंह के पार्थिव शरीर को सेक्टर-8 स्थित गुरुद्वारा साहिब से फूलों से सजे वाहन में श्मशान घाट लाया गया।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, खेल मंत्री राणा गुरजीत सोढ़ी,
स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल,
अकाली दल के विक्रमसिंह मजीठिया, पूर्व अकाली नेता सुखदेव सिंह
ढींडसा सहित कई हस्तियां सुबह से मिल्खा सिंह को अंतिम विदाई देने पहुंचे.
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मिल्खा सिंह के बेटे जीव मिल्खा सिंह से मुलाकात की
और कहा कि उनके पिता देश का गौरव हैं। कैप्टन ने कहा कि वह हमेशा से जिंदादिल इंसान थे
और आज की पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं।
पूर्व अकाली नेता सुखदेव ढींडसा ने कहा कि मिल्खा सिंह हमेशा अपनी सेहत को लेकर काफी सचेत रहते थे।
उन्होंने कहा कि जब वे दो महीने पहले मिले थे तो उन्होंने पुराने दिनों की यादों के बारे में काफी बातें कीं।
मिल्खा सिंह के निधन के साथ एक युग के अंत पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत पूरे देश ने शोक जताया.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि उनके संघर्ष और जुझारूपन की कहानी भारतीयों की आने वाली पीढियों को प्रेरित करती रहेगी.
राष्ट्रपति ने ट्वीट किया ,''खेलों के महानायक मिल्खा सिंह के निधन से दुखी हूं. उनके संघर्ष और जुझारूपन की कहानी भारतीयों की आने वाले पीढियों को प्रेरित करती रहेगी. उनके परिवार और असंख्य प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनायें.'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया ,'' मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक बहुत बड़ा खिलाड़ी खो दिया जिनका असंख्य भारतीयों के ह्रदय में विशेष स्थान था. अपने प्रेरक व्यक्तित्व से वे लाखों के चहेते थे. मैं उनके निधन से आहत हूं.''
पीएम मोदी ने आगे लिखा ,'' मैने कुछ दिन पहले ही श्री मिल्खा सिंह जी से बात की थी. मुझे नहीं पता था कि यह हमारी आखिरी बात होगी. उनके जीवन से कई उदीयमान खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी. उनके परिवार और दुनिया भर में उनके प्रशंसकों को मेरी संवेदनायें.''