Gujrat Local Body Election 2021 सभी की निगाहें गुजरात में स्थानीय नागरिक चुनाव के नतीजों पर टिकी हैं।
मुख्य रूप से, सत्ताधारी भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच एक प्रतिस्पर्धा है।
वहीं, पहली बार अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की
AIMIM भी अपनी मजबूत उपस्थिति का दावा कर रही है।
हालांकि, इन दावों की वास्तविकता आज मतगणना के साथ साफ हो जाएगी।
अब तक के रुझानों में, सभी नगर निगमों में भाजपा के उम्मीदवार आगे चल रहे हैं।
गुजरात, अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, जामनगर, भावनगर और
राजकोट के 6 महानगरों में हुए नागरिक चुनावों में मुख्य मुकाबला भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच है।
यहां इन छह स्थानों पर भाजपा ने नगर निगमों का शासन किया है।
गुजरात में अहमदाबाद नगर निगम के लिए अब तक के रुझानों के अनुसार, बीजेपी 55 कांग्रेस 9 पर आगे है।
राजकोट में भी ऐसी ही स्थिति थी, जहाँ भाजपा 14 और कांग्रेस 2 वार्डों में आगे है।
इसके अलावा सूरत में बीजेपी 16 और कांग्रेस 5 सीटों पर आगे है।
यहां आप 3 वार्डों में भी आगे चल रही हैं।
वहीं, वडोदरा में 2 सीटों पर भाजपा को 6 कांग्रेस पर बढ़त हासिल है।
जामनगर में बीजेपी 4, जबकि AAP को 4 सीटों पर बढ़त है। यहां कांग्रेस सभी सीटों पर पीछे चल रही है।
पुड्डुचेरी में सरकार गिरने के बाद कांग्रेस ने दक्षिण भारत में कर्नाटक के बाद दूसरा राज्य गंवा दिया।
गौरतलब है की पुड्डुचेरी में पिछले कई दिन से चल रहा राजनीतिक संकट कांग्रेस की सरकार गिरने के साथ ही खत्म हो गया।
कांग्रेस नीत वी नारायणसामी सरकार को सदन में सोमवार को बहुमत साबित करना था, लेकिन वोटिंग से पहले ही कांग्रेस और डीएमके के विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
कांग्रेस ने दक्षिण भारत में कर्नाटक के बाद दूसरा राज्य गंवा दिया।
इसके बाद स्पीकर ने ऐलान किया कि नारायणसामी की ओर से पेश विश्वास प्रस्ताव गिर गया है और सरकार ने बहुमत खो दिया है। इसके बाद सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
पुड्डुचेरी में सरकार गिरने के बाद कांग्रेस ने दक्षिण भारत में कर्नाटक के बाद दूसरा राज्य गंवा दिया।
राज्यपाल किरण बेदी द्वारा कथित तौर पर अड़ंगे लगाए जाने के बावजूद कई योजनाओं को लागू किया।
कभी कांग्रेस के मजबूत गढ़ के रूप में माने जाने वाले दक्षिण भारत में अब पार्टी सभी राज्यों में सत्ता से बाहर हो चुकी है।
इससे पहले नारायणसामी ने विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने केंद्र सरकार और पूर्व उप राज्यपाल किरण बेदी द्वारा कथित तौर पर अड़ंगे लगाए जाने के बावजूद कई योजनाओं को लागू किया।
उन्होंने इसे ‘लोकतंत्र की वेश्यावृत्ति’ करार दिया।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को गिराने की विपक्ष की साजिशों के बावजूद वह पांच साल का कार्यकाल पूरा करने में सफल रहे।
उन्होंने प्रदेश में उनकी सरकार गिराने के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और गोवा में उन्होंने जो किया, वही अब पुड्डुचेरी में किया जा रहा है।
पार्टी ने विधायकों के इस्तीफे पर श्री नारायणसामी ने कहा कि उन्हें संगठन के प्रति वफादार होना चाहिए था, लेकिन मजबूरी और खतरे के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इसे ‘लोकतंत्र की वेश्यावृत्ति’ करार दिया।
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