रिसर्च : Harvard University का दावा, “जल्द ही इंसान हजारों सालों तक जिंदा रह सकेगा”

इंसान की हमेशा से ही इच्‍छा रही है कि वह लंबा जीवन जीए। इसके ल‍िए लोग तरह-तरह नुस्‍खे अपनाते रहते हैं। इस बीच हावर्ड विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर का कहना है कि इंसान हजारों से साल तक जिंदा रह सकता है और यह मात्र दो साल के अंदर संभव होने जा रहा है।
रिसर्च : Harvard University का दावा, “जल्द ही इंसान हजारों सालों तक जिंदा रह सकेगा”

(Research: Harvard University) : इंसान की हमेशा से ही इच्‍छा रही है कि वह लंबा जीवन जीए। इसके ल‍िए लोग तरह-तरह नुस्‍खे अपनाते रहते हैं। इस बीच हावर्ड विश्‍वविद्यालय के प्रोफेसर का कहना है कि इंसान हजारों से साल तक जिंदा रह सकता है और यह मात्र दो साल के अंदर संभव होने जा रहा है।

प्रोफेसर डेविड सिंसलैर ने कहा कि चूहों पर हुए टेस्‍ट से यह साबित हो गया है कि दिमाग और अन्‍य अंगों में बुढ़ापे को उल्‍टा किया जा सकता है।

एक भ्रूण जीन्‍स होता है जिसे अगर वयस्‍क पशुओं के अंदर डाला जा सकता है

(Research: Harvard University) : प्रोफेसर डेविड सिंसलैर ने एक पॉडकॉस्‍ट में कहा, 'हमने पाया है कि एक भ्रूण जीन्‍स होता है जिसे अगर वयस्‍क पशुओं के अंदर डाला जा सकता है ताकि उम्र से जुड़े ऊतकों को फिर से बनाया जा सके। यह बढ़‍िया से काम करने के लिए 4 से 8 सप्‍ताह लेता है।'

उन्‍होंने कहा, 'आप एक नेत्रहीन चूहे को ले सकते हैं जो बढ़ती उम्र के कारण देख नहीं सकता है। ब्रेन की तरफ न्‍यूरॉन काम नहीं कर रहा है। इन न्‍यूरॉन को अगर फिर से बनाया जाए यह चूहा युवा हो जाएगा और अब वह दोबारा देख सकेगा।'

बहुत जल्‍द हजारों साल तक जिंदा रह सकेगा इंसान

52 साल के हावर्ड के प्रोफेसर डेविड ने कहा कि पिछले साल दिसंबर में प्रकाशित उनके शोध ने यह साबित कर दिया है कि एक ऐसी व्‍यवस्‍था है जिसके तहत कोशिकाओं को युवावस्‍था की ओर लाया जा सकता है।

भ्रूण जीन्‍स (Embryonic Genes) के बारे में प्रोफेसर डेविड ने कहा कि हम इसका इस्‍तेमाल अब उन चूहों के दिमाग की उम्र पर कर रहे हैं जिन्‍हें हमने समय से पहले बूढ़ा कर दिया था और वे फिर से अपनी क्षमता हासिल कर रहे हैं।

बच्‍चों को 100 साल तक जिंदा रहने का लक्ष्‍य रखना चाहिए

उन्‍होंने कहा, 'मैं बहुत आशावादी हूं कि अगले दो साल से भी कम समय में इसका इंसानों पर अध्‍ययन शुरू करने जा रहे हैं। आधुनिक दवाओं के इंसान के जीवन को बढ़ाने के असर को लेकर हुई चर्चा में विशेषज्ञ ने कहा कि आज के समय में पैदा हुए बच्‍चों को 100 साल तक जिंदा रहने का लक्ष्‍य रखना चाहिए। उन्‍होंने कहा कि मानव के जीवन की अधिकतम सीमा नहीं है।

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