Happy Hypoxia : कोरोना की चपेट में आए कई युवाओं को अस्पतालों में दाखिल करना पड़ रहा है।
ये ऐसे लोग हैं जिनमें बीमारी सामान्य से गंभीर स्तर पर पहुंच चुकी होती है।
अब एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसा हैपी हाइपोक्सिया के कारण हो रहा है।
बिहार में इसके चलते करीब 30 मरीजों की मौत हो गई। हैदराबाद में भी कई केस सामने आ चुके हैं।
यह ऐसी स्थिति है जहां पर व्यक्ति के शरीर में ऑक्सिजन तो गिर रही होती है मगर शरीर को पता नहीं लगता। डॉक्टर्स बताते हैं कि अचानक से ज्यादा कमी आने पर दिक्कत उभरती है। तब तक फेफड़े चपेट में आ चुके होते हैं। चूंकि युवाओं में बीमारी से लड़ने की ज्यादा शक्ति होती है इसलिए शरीर में हो रही ऑक्सिजन की कमी जल्दी पता नहीं लग पाती। एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि ऐसे संक्रमित युवाओं को समय-समय पर ऑक्सिजन की जांच करके अपने बारे में अपडेट रहना चाहिए।