देश में आयी एक और नई बीमारी ‘Herpes Simplex’, यहां मिला पहला केस

कोरोना वायरस की दूसरी लहर देश में लाखों लागों की मौत की वजह बनी है। अब साइंटिस्ट ने पाया है कि कोरोना के B.1.617.2 वेरिएंट के चलते मौतों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है।
देश में आयी एक और नई बीमारी ‘Herpes Simplex’, यहां मिला पहला केस

Herpes Simplex : कोरोना वायरस की दूसरी लहर देश में लाखों लोगों की मौत का कारण बनी है। अब वैज्ञानिकों ने पाया है कि कोरोना के बी.1.617.2 संस्करण से होने वाली मौतों की संख्या में बड़ी वृद्धि हुई है। जब दूसरी लहर चरम पर थी, उस वक्त पहले ब्लैक फंगस और फिर व्हाइट और यलो फंगस के कई मामले भी सामने आए।

अब राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से कुछ किलोमीटर दूर गाजियाबाद के एक अस्पताल में दाद सिंप्लेक्स संक्रमण का पहला मामला सामने आया है।

नई बीमारी को काफी घातक करार दिया गया

Herpes Simplex : इस नई बीमारी को काफी घातक करार दिया गया है। डॉक्टरों के मुताबिक कोविड से ठीक हुए मरीज जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो गई है उनमें हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस के होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इस बीमारी का इलाज काफी महंगा है जिसके चलते इस वायरस ने साइंटिस्टों को अलर्ट कर दिया है।

भारत में हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस का पहला मामला मरीज की नाक में पाया गया

एक हिंदी न्यूज चैनल की रिपोर्ट के मुताबिक गाजियाबाद के डॉ बीपी त्यागी ने कहा कि भारत में हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस का पहला मामला मरीज की नाक में पाया गया। त्यागी ने वायरस को बेहद खतरनाक बताते हुए कहा है कि अगर इसके इलाज में देरी हुई तो यह वायरस, कोविड-19 से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है।

त्यागी ने इस बात की भी जानकारी दी कि पहले मामले वाले मरीज का उनके अस्पताल में इलाज चल रहा है। उन्होंने इस बीमारी के खर्च की तरफ भी इशारा किया।

देश में कोविड के बाद की कॉप्लीकेशन्स के मामले बढ़े

उन्होंने कहा कि दवाओं की उपलब्धता के चलते मरीज की सावधानीपूर्वक निगरानी की जा रही है। डॉक्टर ने उन लोगों से भी सतर्क रहने को कहा है जो कोरोना वायरस से उबर चुके हैं। क्योंकि कोरोना के चलते उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कमजोर हो जाती है। ऐसे में इस तरह के मालमे उन्हें आसानी से घेर सकते हैं।

देश में कोविड के बाद की कॉप्लीकेशन्स के मामले बढ़े हैं। कुछ लोगों में गंभीर लक्षण देखे जा रहे हैं, जिसमें सुनने या ब्लड क्लॉटिंग की समस्याएं भी सामने आ रही हैं। डॉक्टर्स को लगता है कि इस तरह की दुर्लभ दिक्कतों की वजह भारत में मिला नया वेरिएंट है।

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