पाकिस्तान में ऐसे हिंदू मंदिर, जहां मुस्लिम भी सिर झुका कर करते इबादत

पाकिस्तान एक मुस्लिम बाहुल्य देश है, मुस्लिम देश होने के बावजूद वहां कुछ ऐसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिर हैं जहां पर हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमान भी श्रद्धा के साथ सिर झुका कर इबादत करते हैं
पाकिस्तान में ऐसे हिंदू मंदिर, जहां मुस्लिम भी सिर झुका कर करते इबादत

डेस्क न्यूज. पाकिस्तान में ऐसे हिंदू मंदिर है, जहां मुस्लिम भी सर झुका कर करते हैं इबादत, हजारो साल पुराने हैं मंदिर,
पाकिस्तान एक मुस्लिम बाहुल्य देश है, और वहां हिंदू अल्पसंख्यक है, मुस्लिम देश होने के बावजूद कुछ ऐसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिर हैं जहां पर हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमान भी श्रद्धा के साथ सर झुका कर इबादत करते हैं इन मंदिर की प्रसिद्धि इतनी ज्यादा है कि दूर-दूर से लोग यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं,

शायद हो सकता है इस खबर को पढ़ने से पहले आप इन मंदिरो की प्रसिद्धि बारे में ना जानते हो, लेकिन आज हम आपको इन मंदिरों के प्रति पाकिस्तान के लोगों की आस्था और इन मंदिरों की अहमियत के बारे में बताने जा रहे हैं।

बलूचिस्तान का हिंगलाज मंदिर

यह मंदिर पाकिस्तान के बलूचिस्तान से 120 किलोमीटर दूर हिंगुर नदी के तट पर स्थित हैं, इसका का नाम है हिंगलाज मंदिर, इस मंदिर को पौराणिक कथा से जाना जाता है इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि विष्णु भगवान ने सती माता का शीश काटने के लिए चक्र फेका था उस चक्र से शीश कटकर जिस जगह पर गिरा, यह वहीं जगह है, यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है,

कराची स्थिति पंचमुखी हनुमान मंदिर

कराची स्थित पंचमुखी हनुमान मंदिर को लेकर यह मान्यता है कि यह मंदिर करीब 200 साल पुराना है, इस मंदिर में हनुमान भक्तों की भीड़ हमेशा लगी रहती है, इतिहासकारों की मानें तो इस मंदिर का पुनर्निर्माण साल 1062 में कराया गया था,

जब महादेव की आंख से गिरा था आंसू

जब पार्वती सती हो गई थी तो महादेव की आंख से आंसू गिरा था, जिसमें से एक आंसू राजस्थान के पुष्कर में, वहीं दूसरा आंसू पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चकवाल जिले में गिरा था, कहा जाता है कि पाकिस्तान में अब से करीब 900 साल पहले कटाक्ष राज मंदिर को बनाया गया था,

स्वामीनारायण मंदिर पाकिस्तान

स्वामीनारायण मंदिर पाकिस्तान के कराची शहर के एक विरान रोड पर स्थित है यह मंदिर एक बड़े भूभाग में फैला हुआ है, इस मंदिर का क्षेत्रफल करीब 32306 हजार स्क्वेयर यार्ड में है यह मंदिर 160 साल पुराना है, इस मंदिर की खासियत है कि यहां पर मुस्लिम लोग भी इबादत के लिए आते हैं,

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