घर वापसी: 4 साल से पाकिस्तान की जेल में फंसा हैदराबाद का सॉफ्टवेयर इंजीनियर वतन वापस लौटा

पिछले 4 साल से पाकिस्तान में फंसा हैदाराबाद का सॉफ्टवेयर इंजीनियर तेलंगाना और भारत सरकार की मदद से आज हैदाराबाद पहुंचा, कल पाकिस्तान ने अटारी बॉर्डर के पास साइबराबाद के माधापुर पुलिस को सौंपा
घर वापसी: 4 साल से पाकिस्तान की जेल में फंसा हैदराबाद का सॉफ्टवेयर इंजीनियर वतन वापस लौटा

पिछले 4 साल से पाकिस्तान में फंसा हैदराबाद का सॉफ्टवेयर इंजीनियर तेलंगाना और भारत सरकार की मदद से आज हैदाराबाद पहुंचा, कल पाकिस्तान ने अटारी बॉर्डर के पास साइबराबाद के माधापुर पुलिस को सौंपा था.

पिछले 4 साल से पाकिस्तान में फंसा हैदाराबाद का सॉफ्टवेयर इंजीनियर तेलंगाना और भारत सरकार की मदद से हैदाराबाद पहुंचा

हैदाराबाद का सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रशांत 11 अप्रैल, 2017 को गायब हो गया था, काफी तलाशी और कई दिनों के इंतेजार के बाद उंसके परिजनों ने 29 अप्रैल 2017 को माधापुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी.

गैरकानूनी तरीके से भारत-पाकिस्तान की सीमा पार किया था

माधापुर पुलिस ने भी काफी तलाशी की, उनको भी कोई सुराग नहीं मिला. अचानक उनके परिजनों को खबर मिली कि वह पाकिस्तान में फंसा हुआ है और पुलिस की हिरासत में है. खबर सुनकर परिजन आश्चर्य हो गए, प्रशांत पाकिस्तान कैसे पहुंच गया. वह गैरकानूनी तरीके से भारत-पाकिस्तान की सीमा पार किया था.

फिर प्रशांत की परिजनों ने साइबराबाद पुलिस कमिश्नर, तेलंगाना सरकार और भारत सरकार से प्रशांत को भारत वापस लाने के लिए मदद मांगी. तेलंगाना सरकार, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय और भारत सरकार की लगातार कोशिश के बाद 31 मई को पाकिस्तान ने प्रशांत को छोड़ा और अट्टारी बॉर्डर पर माधापुर पुलिस को सौंपा.

चार साल बाद अपने वतन वापस लौटा प्रशांत

साइबराबाद पुलिस के अनुसार प्रशांत एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, किसी निजी कारणों से स्विट्जरलैंड जाना चाहता था, मगर उंसके पास रुपयों की कमी थी, इसीलिए किसी भी हालत में चलते हुए स्विट्जरलैंड पहुंचना चाहता था. प्रशांत अपने प्लान के मुताबिक 11 अप्रैल 2017 को ट्रेन पकड़कर राजस्थान के बीकानेर पहुंचा, भारत-पाकिस्तान के सीमा पर जाकर तारों की बाढ़ फांद कर पाकिस्तान में प्रवेश किया और गैरकानूनी तरीके से पाकिस्तान में घुसने के आरोप में हिरासत में ले लिया गया. चार साल बाद 31 मई 2021 को भारत-पाकिस्तान के अटारी बॉर्डर के पास माधापुर पुलिस को सौंपा गया.

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