फ्रेंचाइजी आधारित क्रिकेट लीग 'द हंड्रेड' इंग्लैंड में 21 जुलाई से शुरू हो रही है। यह लीग पुरुष और महिला दोनों वर्ग में खेली जाएगी। खिलाड़ियों की अंतिम चयन प्रक्रिया-वाइल्ड कार्ड ड्राफ्ट का आयोजन शुक्रवार को किया जाएगा। टीमें वाइल्ड कार्ड ड्राफ्ट के जरिए इंग्लैंड के घरेलू खिलाड़ियों का चयन करेंगी। अन्य खिलाड़ी पहले ही चुने जा चुके हैं। यह लीग पुरुष और महिला दोनों कैटेगरी में खेली जाएगी। यानी सभी फ्रेंचाइजी की पुरुष और महिला टीम होगी।
शुक्रवार को होने वाला वाइल्ड कार्ड ड्राफ्ट सिर्फ पुरुष लीग के लिए आयोजित होगा। हालांकि, इस लीग में भारतीय पुरुष सीनियर खिलाड़ियों को खेलने की इजाजत नहीं है।
इस लीग का नाम द हंड्रेड इसलिए पड़ा है क्योंकि हर मैच में एक पारी में 100 गेंदें होंगी। आम क्रिकेट मैचों में 6 गेंदों का ओवर होता और इसके बाद गेंदबाजी का छोर बदला जाता है, लेकिन द हंड्रेड में 10 गेंदों के बाद छोर बदला जाएगा।
गेंदबाजी टीम चाहे तो एक छोर से लगातार 10 गेंद एक ही गेंदबाज से कराए या 5-5 गेंद दो गेंदबाजों से कराए। एक गेंदबाज मैच में अधिकतम 20 गेंद ही डाल सकता है। पारी की शुरुआत में 25 गेंदों तक पावरप्ले लागू होगा। इसमें सिर्फ दो फील्डर 30 गज से बाहर रहेंगे। हर टीम को 2.5 मिनट का स्ट्रैटजिक टाइम आउट मिलेगा।
एक मैच 2 घंटे, 30 मिनट तक चलेगा। मैच के दौरान दोनों पारियों में गेंदबाजी टीम को ढाई मिनट का स्ट्रैटजिक टाइम आउट मिलेगा। इस दौरान टीमें रणनीति बना सकेंगी। टाइम आउट के दौरान कोच मैदान पर आकर टीम के साथ रणनीति पर चर्चा कर सकेंगे।
द हंड्रेड में पुरुष और महिला दोनों कैटेगरी में 8-8 टीमें हिस्सा ले रही हैं। हर टीम में 15 खिलाड़ी शामिल होंगे। एक टीम में 3 विदेशी खिलाड़ी हो सकते हैं। हर टीम में ECB से कॉन्ट्रैक्ट हासिल कर चुके कम से कम एक टेस्ट खिलाड़ी का शामिल होना जरूरी है।
ECB द हंड्रेड का पहली बार आयोजन 2020 में ही कराने वाला था। इसके लिए खिलाड़ियों के ड्राफ्ट की प्रक्रिया भी पूरी हो गई थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण लीग को एक साल के लिए टाल दिया गया।
पिछले साल टॉप प्राइस बैंड 1.25 लाख पाउंड का था। हर अनुबंधित खिलाड़ी को टूर्नामेंट न होने के बावजूद कुल राशि का 11.5% रकम का भुगतान किया गया। इस बार महामारी के असर के कारण हर प्राइस बैंड में 20% की कटौती की गई है।
शाकिब अल हसन (बांग्लादेश), बाबर आजम (पाकिस्तान), क्विंटन डिकॉक (साउथ अफ्रीका), लॉकी फर्ग्यूसन (न्यूजीलैंड), जेसन होल्डर (वेस्टइंडीज), तमीम इकबाल (बांग्लादेश), कीरोन पोलार्ड (वेस्टइंडीज), निकोलस पूरन (वेस्टइंडीज), कगिसो रबाडा (साउथ अफ्रीका), डेविड वार्नर (ऑस्ट्रेलिया)