कोरोना के कहर के बीच एक और राहत भरी खबर आई है। हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि ICMR भारत बायोटेक द्वारा बनाए गए कोरोना वैक्सीन कोवाक्सिन के PGI ने रोहतक में एक मानव परीक्षण शुरू किया है। आज तीन स्वयंसेवकों को नामांकित किया गया। वैक्सीन का सभी पर उचित प्रभाव पड़ा है, कोई दुष्प्रभाव नहीं देखा गया। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और भारत बायोटेक ने संयुक्त रूप से एक टीके का निर्माण किया है, जिसे साइकोविन कहा जाता है।
Zydus Cadila के चेयरमैन पंकज पटेल का मानना है कि उनकी कंपनी का वैक्सीन अगले साल की शुरुआत में लॉन्च किया जाएगा। वैक्सीन का मानव परीक्षण पिछले सप्ताह ही शुरू हुआ है। पटेल ने कहा कि चरण 1 और 2 का अध्ययन तीन महीने में पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके पास बड़े पैमाने पर टीके बनाने करने की क्षमता है।
कोविद -19 महामारी को रोकने के लिए दुनिया भर में 140 से अधिक टीके का उत्पादन किया जा रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कई टीके अब चरण से परीक्षण तक बढ़ चुके हैं। आधा दर्जन टीके उन्नत चरण में हैं, जिनमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, मॉडर्न, एस्ट्रा-ज़ेनेका, कैनकिनो, साइनाहार्म शामिल हैं। भारत में दो टीकों के मानव परीक्षण भी चल रहे हैं। इस बीच, दुनिया के आठ देश एक साथ आए हैं कि अगर एक टीका विकसित किया जाता है, तो पूरी दुनिया इसके लिए उपयोग करती है।
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