बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हुए हमले की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है। हिंदुओं के खिलाफ हिंसा को लेकर भारत के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। वहीं, दिल्ली के वकील विनीत जिंदल ने हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट में एक पत्र याचिका भेजी है। गौरतलब है कि बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की भीड़ ने एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर हिंदुओं के घरों में आग लगा दी और मंदिरों में तोड़फोड़ की।
वकील विनीत जिंदल द्वारा भेजी गई पत्र याचिका में कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हुए हमलों की जांच होनी चाहिए। बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट की ओर से चिट्ठी में कहा गया था कि वहां रहने वाले सभी हिंदुओं को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। याचिका में कहा गया था कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों की पीट-पीट कर हत्या की जा रही है और जबरन धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा है। वकील ने अपनी याचिका में बांग्लादेश के सर्वोच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश की अध्यक्षता में बांग्लादेश में हिंदुओं और मंदिरों पर हुए हमलों की न्यायिक जांच की मांग की।
याचिका में बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट से बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई थी। इसमें बांग्लादेश सुप्रीम कोर्ट से भी हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के शिकार पीड़ित परिवार को एक लाख का मुआवजा देने की मांग की गई। वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले की निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र की रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर मिया सेप्पो ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले उसके संविधान में निहित मूल्यों के खिलाफ हैं। प्रधान मंत्री शेख हसीना की सरकार को घटनाओं की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।
अमेरिका ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के लोगों पर हाल में हुए हमलों की घटनाओं की निंदा की है। विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, 'धर्म चुनने की आजादी, मानवाधिकार है। दुनिया का प्रत्येक व्यक्ति, फिर चाहे वह किसी भी धर्म या आस्था को मानने वाला हो, उसका अपने अहम पर्व मनाने के लिए सुरक्षित महसूस करना जरूरी है।' प्रवक्ता ने कहा की, 'विदेश मंत्रालय, बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दू समुदाय के लोगों पर हाल में हुए हमलों की घटनाओं की निंदा करता है।'