डेस्क न्यूज़- देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के प्रकोप के कारण स्थिति बेकाबू हो रही है। बड़ी संख्या में कोरोना के मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत होती है, लेकिन देश भर में ऑक्सीजन की भारी कमी के कारण कई मरीज अपनी जान गंवा रहे हैं। ऐसी गंभीर स्थिति को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन मरीजों के लिए सांस लेने के कुछ आसान तरीके सुझाए हैं, जिन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही है। प्रोनिंग प्रक्रिया से कोरोना रोगियों को अपने ऑक्सीजन के स्तर में सुधार करने में मदद मिल सकती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, प्रोनिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा रोगी अपने आप ही अपने ऑक्सीजन स्तर को बनाए रख सकता है। प्रोन पोजिशन ऑक्सीजनेशन तकनीक 80 प्रतिशत तक प्रभावी है। इस प्रक्रिया को पेट के बल लेटकर पूरा करना होता है। यह प्रक्रिया चिकित्सकीय रूप से स्वीकार्य है, जो सांस लेने में सुधार करती है और ऑक्सीजन के स्तर को बढ़ाती है। कोरोना रोगियों के लिए घर में आइसोलेशन में प्रोनिंग बहुत उपयोगी है। प्रोनिंग पोजीशन सुरक्षित है और इससे खून में ऑक्सीजन लेवल के बिगड़ने पर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। इससे आईसीयू में भर्ती मरीजों में भी अच्छे परिणाम देखे गए हैं। अगर वेंटिलेटर नहीं मिला है तो यह प्रक्रिया सबसे ज्यादा प्रभावी है।
यह प्रक्रिया तब अपनानी होगी जब कोरोना के रोगी को सांस लेने में परेशानी हो रही हो और ऑक्सीजन का स्तर 94 से नीचे आ जाए। यदि आप घर में हैं तो समय-समय पर अपने ऑक्सीजन के स्तर की जाँच करते रहें। इसके अलावा, बुखार, रक्तचाप, रक्त शर्करा को भी समय-समय पर मापा जाना चाहिए। सही प्रक्रिया के साथ, प्रोनिंग कई लोगों की जान बचाने में सहायक है।