डेस्क न्यूज़- चीन द्वारा हाइपरसोनिक मिसाइलों के परीक्षण की मीडिया रिपोर्ट्स के बाद अमेरिकी कांग्रेस ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत भी उन चुनिंदा देशों में शामिल है जो हाइपरसोनिक हथियार विकसित कर रहे हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका, रूस, चीन के पास सबसे उन्नत हाइपरसोनिक हथियार प्रोग्राम हैं। हाइपरसोनिक तकनीक विकसित करने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, भारत, फ्रांस, जर्मनी और जापान भी शामिल हैं। कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की यह रिपोर्ट तब सामने आई है जब चीन ने हाल ही में हाइपरसोनिक मिसाइल का परीक्षण कर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को चौंका दिया था।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जहां अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया मिलकर परमाणु हथियार बना रहे हैं, वहीं भारत और रूस भी इस पर मिलकर काम कर रहे हैं। मैक-7 हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस-2' में दोनों देशों ने एक-दूसरे का साथ दिया है। पहले ब्रह्मोस-2 का काम 2017 में पूरा होना था, लेकिन नई रिपोर्ट के मुताबिक यह 2025 से 2028 के बीच बनकर तैयार हो जाएगा।
कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल प्रोग्राम के तहत दोगुनी क्षमता की स्वदेशी हाइपरसोनिक मिसाइल विकसित कर रहा है और जून 2019 और सितंबर 2020 में मैक 6 का सफलतापूर्वक परीक्षण भी किया है। अमेरिकी कांग्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत के पास 12 हाइपरसोनिक सुरंगें हैं, जो मैक-13 तक की गति का परीक्षण करने में सक्षम हैं।