चुनाव खत्म लेकिन बंगाल में होता रहेगा ‘खेला’, ममता बनर्जी ने किया ‘खेला होबे दिवस’ मनाने का एलान

'खेला होबे' नारा जिसने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में मदद की। अब सरकार बनने के बाद टीएमसी ने इसे एक योजना का रूप दे दिया है। बंगाल में खेला होबे योजना शुरू की गई है।
Photo | PTI
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डेस्क न्यूज़- 'खेला होबे' नारा जिसने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाने में मदद की। अब सरकार बनने के बाद टीएमसी ने इसे एक योजना का रूप दे दिया है। बंगाल में खेला होबे योजना शुरू की गई है। इसके तहत अब राज्य सरकार के खेल विभाग द्वारा क्लब को फुटबॉल का वितरण किया जाएगा।

क्या हैं खेला होबे योजना?

युवाओं की रुचि बढ़ाने और फुटबॉल में भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा खेला होबे योजना के तहत क्लब को फुटबॉल वितरित किया जाएगा, ताकि बड़ी संख्या में युवा खेल से जुड़ सकें। पश्चिम बंगाल सरकार के खेल विभाग के मुताबिक जुलाई के पहले सप्ताह से फुटबॉल बांटने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। किस क्लब को कितने और कैसे फुटबॉल दिए जाएंगे इसकी जानकारी जल्द ही साझा की जाएगी।

फुटबॉल क्लबों की सूची बनाने का निर्देश

खेल मंत्रालय, पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा जारी निर्देश के अनुसार हर जिले के युवा अधिकारी को हर जिले में मौजूद फुटबॉल खेलने वाले क्लबों की सूची बनाने का निर्देश दिया गया है। यह सूची खेल मंत्रालय को भेजी जाएगी। इसके लिए 28 जून की तारीख तय की जाएगी। इसके बाद क्लबों को फुटबॉल दी जाएगी। राज्य सरकार का उद्देश्य खेला होबे योजना के माध्यम से राज्य में फुटबॉल की लोकप्रियता को बढ़ावा देना है। आपको बता दें कि बंगाल में फुटबॉल का खेल पहले से ही लोकप्रिय है।

खेला होबे का नारा

आपको बता दें कि विधानसभा चुनाव के दौरान खेला होबे का नारा और उस पर आधारित गाने ने खूब धमाल मचाया। तृणमूल कांग्रेस की हर रैलियों और राजनीतिक कार्यक्रमों में यह नारा और गीत बज रहा था। ममता बनर्जी भी रैलियों से पहले इस नारे का जोर-शोर से प्रचार करती नजर आईं। बंगाल विधानसभा चुनाव में यह नारा इतना लोकप्रिय हुआ कि टीएमसी का हर कार्यकर्ता इस गाने और नारे को गुनगुनाता नजर आया।

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