वैक्सीन लेने के बाद भी हुआ कोरोना, लेकिन नही हुई किसी की मौत, AIIMS की स्टडी में दावा

देश में कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए इस समय टीकाकरण सबसे अच्छा उपाय माना जा रहा है। हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि वैक्सीन लेने के बाद कोरोना का खतरा पूरी तरह खत्म हो जाएगा, लेकिन इससे जान जाने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
वैक्सीन लेने के बाद भी हुआ कोरोना, लेकिन नही हुई किसी की मौत, AIIMS की स्टडी में दावा

डेस्क न्यूज़- देश में कोरोना वायरस के प्रभाव को कम करने के लिए इस समय टीकाकरण सबसे अच्छा उपाय माना जा रहा है। हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि वैक्सीन लेने के बाद कोरोना का खतरा पूरी तरह खत्म हो जाएगा, लेकिन इससे जान जाने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। इसी बीच एम्स की एक स्टडी सामने आई है, जिसके मुताबिक वैक्सीन लेने के बाद दोबारा कोरोना से संक्रमित हुए लोगों में से किसी की भी मौत नहीं हुई है। एम्स ने यह अध्ययन अप्रैल-मई 2021 के आंकड़ों के आधार पर किया है।

ब्रेकथ्रू इंफेक्शन

वैक्सीन लेने के बाद अगर कोरोना संक्रमित होता है तो इसे ब्रेकथ्रू इंफेक्शन कहा जाता है। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी, रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने कहा है कि पूरी तरह से टीकाकरण के बाद संक्रमण के कारण जिन लोगों को अस्पताल में भर्ती होना पड़ा है या उनकी मृत्यु हो गई हो, एसे लोगों की संख्या बहुंत कम हैं।

अधिक वायरल लोड के बावजूद किसा की मौत नही

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार, एम्स, दिल्ली द्वारा अप्रैल-मई में ब्रेकथ्रू इंफेक्शन पर किए गए पहले अध्ययन के अनुसार, अधिक वायरल लोड के बावजूद, वैक्सीन लेने वाले लोगों में से किसी की भी कोरोना के कारण मृत्यु नहीं हुई। 63 ब्रेकथ्रू इंफेक्शन में से 36 रोगियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराकें मिली थीं जबकि 27 को कम से कम एक खुराक मिली थी। दस मरीजों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गई, जबकि 53 को कोवैक्सीन दिया गया।

संक्रमित होने के बाद भी कोई गंभीर नही

स्टडी में पाया गया है कि कुल सैंपल में से 36 (57.1 प्रतिशत) में कोरोना का SARS-CoV-2 मिला। इनमें से 19 (52.8 प्रतिशत) रोगियों ने टीके की दोनों खुराक ली थी जबकि 17 (47.2 प्रतिशत) रोगियों ने केवल एक खुराक ली थी। भारत में पाया गया पहला B.1.617 संस्करण तीन प्रजातियों में विभाजित किया गया था, B.1.617.1, B.1.617.2 और B.1.617.3.

इनमें से B.1.617.2 प्रजाती 23 सैंपलों (63.9 फीसदी) में मिली जिसमें से 12 ऐसे थे जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ली जबकि 11 ने एक ही डोज ली थी। वहीं B.1.617.1 प्रजाती 4 सैंपलों ( 11.1%) और B.1.1.7.3 प्रजाती 1 सैंपल (2.8%) पाई गईं। इन सभी सफल ब्रेकथ्रू इंफेक्शन में, रोगियों को 5-7 दिनों तक तेज बुखार था, लेकिन उनमें से कोई भी गंभीर नहीं हुआ।

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