डेस्क न्यूज़- कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली में मौजूद हैं। गुरुवार को उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल से मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि कैप्टन आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत बीजेपी के बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। सूत्रों का यह भी कहना है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कृषि कानूनों पर एक बिल तैयार किया है। बताया जा रहा है कि अगर वह इस कृषि विधेयक पर बीजेपी से बात बनती हैं तो बीजेपी के साथ आ सकते हैं। वहीं कैप्टन को लेकर कांग्रेस कोई बड़ा फैसला ले सकती है। कैप्टन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय भी मांगा है।
दूसरा, एनएसए डोभाल से कैप्टन की मुलाकात के बारे में कहा जा रहा है कि पूर्व सीएम ने पंजाब के मौजूदा सियासी हालात की जानकारी एनएसए को दी है। वह पहले भी कह चुके हैं कि पंजाब सरहदी राज्य है और यह संवेदनशील प्रदेश है। कैप्टन, नवजोत सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ठीक नहीं मानते। अमरिंदर सिंह ने कहा है कि सिद्धू के संबंध पाकिस्तान में ऐसे कुछ लोगों से हैं जो भारत विरोधी रुख रखते हैं। कैप्टन को राष्ट्रवादी व्यक्ति माना जाता है। उन्होंने सिद्धू की बाजवा के साथ मुलाकात का विरोध किया और पाकिस्तान पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' का समर्थन किया।
दूसरा, एनएसए डोभाल के साथ कैप्टन की मुलाकात के बारे में कहा जा रहा है कि पूर्व सीएम ने एनएसए को पंजाब के मौजूदा राजनीतिक हालात से अवगत करा दिया है। वह पहले भी कह चुके हैं कि पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है और यह एक संवेदनशील राज्य है। कैप्टन नवजोत सिंह को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अच्छा नहीं मानते। अमरिंदर सिंह ने कहा है कि सिद्धू के पाकिस्तान में कुछ ऐसे लोगों से संबंध हैं जिनका भारत विरोधी रुख है। कप्तान को एक राष्ट्रवादी व्यक्ति माना जाता है। उन्होंने सिद्धू की बाजवा से मुलाकात का विरोध किया और पाकिस्तान पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' का समर्थन किया।
सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि कप्तान का अगला रुख क्या होगा। कांग्रेस ने कैप्टन को पार्टी में वापस लाने की कोशिश की। कमलनाथ और अंबिका सोनी को जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन अब यह बात सामने आई है कि राहुल गांधी ने पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल से कैप्टन अमरिंदर सिंह पर बड़ा फैसला लेने को कहा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि अमरिंदर सिंह को कांग्रेस से भी निकाला जा सकता है। पंजाब में अगले साल विधान सभा चुनाव होने हैं। सरकार कृषि कानूनों पर सरकार बैकफूट पर है। सरकार चाहती है कि किसानों में सुलह हो और वे अपना विरोध वापस ले लें। अगर कैप्टन ने किसानों के बीच का रास्ता लिया तो यह सरकार के लिए राहत की बात होगी। पंजाब में कैप्टन के रूप में उन्हें बड़ा चेहरा मिल सकता है।