एक ऐसी झील जिसकी खूबसूरती आपको वापस नहीं आने देगी,

अजमेर शहर में स्थित आना सागर झील का निर्माण 1135-1140 में हुआ था।
एक ऐसी झील जिसकी खूबसूरती आपको वापस नहीं आने देगी,

न्यूज – झील की खूबसूरती में कुछ तो बात है यूही नहीं आते लोग इसे निहारने को….अजमेर की सुंदरता में चार चांद लगाती आना सागर झील शहर के बीचोंबीच स्थित है। अजमेर में यू तो पर्यटन के लिए बहुत सारे स्थान है लेकिन आनासागर झील की बात ही कुछ अलग है।

आना सागर झील एक कृत्रिम झील है जो पृथ्वीराज चौहान के पिता राजा अरणोराज उर्फ अन्नाजी ने 1135- 50 में करवाया था। इस झील के चारों ओर संगमरमर के दरवाजे हैं। जब यह झील भर जाती है तो इसका पानी अजमेर की ही दुसरी झील 'पाई सागर' में छोड़ दिया जाता है। बारहवीं सदी बनी ये झील लूनी नदी से विकसित की गई थी। सन् 1637 में शाहजहां द्वारा लगाया गया दौलत बाग इस झील के सौंदर्य को बढ़ा देता है।

मछलियों की आवाज आपको झील पर देर तक रोकें रखती है, और आई लव यू अजमेर का सेल्फी पांइट पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है,

झील में नावों की मौजूदगी अभी भी पर्यटकों को झील की सौंदर्यता महसूस कराती है। वही झील के चारों तरफ वॉक वे शहर में रहने वालों लोगों को सुबह-सुबह खींच लाता है।

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