डेस्क रिपोर्ट – इन दिनों जहां पूरे दुनिया में कोरोनावायरस में कोहराम मचा रखा है वही एक जगह ऐसी भी है जहां पर स्थिति तनावपूर्ण है चाहे भारत चीन की सीमा हो या फिर भारत नेपाल की, पिछले दिनों हमने आपको बताया था कि भारत और नेपाल की दोस्ती के बीच चीन दरार डालना चाहता है इसी के चलते भारतीय क्षेत्र को नेपाल ने अपने नक्शे में शामिल किया था और भारत का विरोध कर रहा था हालांकि नेपाल की संसद ने आधिकारिक रूप से इस नक्शे को शामिल करने वाले विधेयक को स्थगित कर दिया है यह शायद भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है।
लेकिन चीन और भारत के बीच लद्दाख में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी है, भारत अपनी सीमा क्षेत्र में नई सड़कों का निर्माण कर रहा है इससे चीन को दिक्कत हो रही है और वह भारत का विरोध कर रहा है लेकिन भारत इस बार पीछे हटने वाला नहीं है।
इसी के चलते अब चीन ने शांति की पहल की है खैर यह राजनीतिक मुद्दा है जो दोनों देशों के बीच चलता रहेगा जब तक सीमा विवाद हल नहीं होगा…
लेकिन चीन सुधरने वाला नहीं है उसके विस्तार वादी नीतियों ने पूरी दुनिया को परेशानी में डाल रखा है एक तरफ हांगकांग पर पूरा अधिकार जमाने के लिए अपनी संसद में विधेयक पारित कर चुका है दूसरी तरफ तिब्बत और ताइवान पर पेठ बनाए हुए हैं।
और अब उसकी आगे की नजर माउंट एवरेस्ट पर है भारत के क्षेत्र को अपने क्षेत्र में बताने वाला नेपाल चीन की उस बात का विरोध नहीं करता है जिसमें चीन के सरकारी मीडिया ने 10 मई को पूरे माउंट एवरेस्ट को चीन का हिस्सा बताया था आखिर चीन और नेपाल के बीच कुछ तो पक रहा है और यह भारत के लिए बेहद ही संकटपूर्ण हो सकता है।
वही चीन ने एक नया दांव भी खेला है जिसमें उसका दावा है कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8 हजार 848 मीटर नहीं बल्कि 8 हजार 844 मीटर है, लेकिन अब चीन ये पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि क्या 2015 में नेपाल में आए भूकंप से माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई पर कोई फर्क पड़ा है।
अपने इसी दावे की पुष्टि करने के लिए चीन ने एक बार फिर अपने वैज्ञानिकों की एक टीम को माउंट एवरेस्ट पर भेजा है, चीन के वैज्ञानिकों की ये टीम वर्ष 2020 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाला पर्वतारोहियों का पहला दल बन गई है, इस दल में चीन के करीब 50 एक्सपर्ट्स और पर्वतारोही शामिल हैं।
चीन की बड़ी IT और मोबाइल फोन निर्माता कंपनी Huawei ने माउंट एवरेस्ट के रास्ते में 6 हजार 500 मीटर की ऊंचाई पर एक 5G टावर भी इंस्टाल कर दिया है, इसकी मदद से पर्वतारोही अब माउंट एवरेस्ट पर पहुंचकर हाई डेफिनेशन क्वालिटी में वहां से लाइव वीडियो स्ट्रीमिंग कर पाएंगे और बेस कैंप पर मौजूद लोगों से सीधे संपर्क में भी रह पाएंगे। माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई के दो रास्ते एक नेपाल से और एक तिब्बत से तिब्बत को चीन ने अपनेेे कब्जे में ले रखा है ऐसे में 5G की सुविधा उन पर्वतारोहियों को ही जो केवल तिब्बत के रास्ते से जाएंगे।
लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस 5G नेटवर्क की मदद से चीन माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई से आस पास के इलाकों पर नजर भी रख सकता है, वहीं माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर भी अब चीन नया राग अलाप रहा है, माउंट एवरेस्ट की आधिकारिक ऊंचाई 8 हजार 848 मीटर मानी गई है। लेकिन 2005 से चीन लगातार दावा कर रहा है कि माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8 हजार 844 मीटर है, यानी पहले नापी गई ऊंचाई से 4 मीटर कम, अपने इसी दावे की पुष्टि करने के लिए चीन ने एक बार फिर अपने वैज्ञानिकों की एक टीम को माउंट एवरेस्ट पर भेजा है।
इस दल में चीन के करीब 50 एक्सपर्ट्स और पर्वतारोही शामिल हैं, ये दल पर्वत चोटी पर जरूरी उपकरण लगाकर इसकी ऊंचाई नापने की कोशिश कर रहा है।
आज हम आपको माउंट एवरेस्ट से जुडे कुछ इंटरेस्टिंग फेक्टस बताएंंगे।
1.- माउंट एवरेस्ट का नाम Surveyor General Of india ने रखा था, जिनका नाम था Sir George Everest
2. – George Everest ने ने खुद कभी हकीकत में माउंट एवरेस्ट को नहीं देखा
3. – हिमालय दुनिया की सबसे युवा पर्वत श्रंखला है जिसकी ऊंचाई बढ़ रही है,
4. – माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई हर साल 4 मिलीमीटर बढ़ जाती है 100 सालों में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 16 इंच तक बढ़ती है
5. 8000 मीटर की ऊंचाई पर माउंट एवरेस्ट का डेथ जॉन शुरू होता है ऑक्सीजन की कमी की वजह से यहां सबसे ज्यादा मौतें होती है
6. – 2008 में बीजिंग ओलंपिक की ओलंपिक टॉर्च एवरेस्ट पर पहुंची थी
7.- एवरेस्ट पर चढ़ाई के दौरान होने वाली मौतों में हर साल 2 फ़ीसदी की कमी आई है
8. माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई से पहले 10 हफ्तों की कठिन ट्रेनिंग जरूरी होती है
9. एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर है, 2015 में नेपाल में भूकंप से माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई पर फर्क पड़ा है कुछ वैज्ञानिकों का दावा है कि 2015 में भूकंप से एवरेस्ट की ऊंचाई कम हुई है
10. 1953 से 1988 तक माउंट एवरेस्ट पर 260 बार चढ़ाई हुई 2003 से अब तक 900 से ज्यादा बार चढ़ाई हो चुकी है जबकि 2019 तक 4000 से ज्यादा लोग 9000 बार एवरेस्ट पर चढ़े चुके है।