केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देश में कोयले की कमी और इसके परिणामस्वरूप बिजली संकट की आशंकाओं के बीच हरकत में आ गए हैं। उन्होंने सोमवार को हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। इस बैठक में शामिल होने के लिए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी और दोनों मंत्रालयों के अधिकारी गृह मंत्रालय पहुंच चुके हैं। बैठक में एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन) के अधिकारी भी शामिल हो रहे हैं।
देश में कई राज्यों ने कोयले की भारी किल्लत को देखते हुए बिजली आपूर्ति बाधित होने की चेतावनी दी है। हालांकि, कोयला मंत्रालय का कहना है कि बिजली उत्पादन संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त सूखा ईंधन उपलब्ध है। मंत्रालय ने बिजली आपूर्ति बाधित होने की किसी भी आशंका को पूरी तरह गलत बताया है। हालांकि, रविवार को देश में 13 ताप विद्युत संयंत्र कोयले की कमी के कारण बंद रहे।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोयले की कमी को लेकर कहा कि यह सच है कि समस्या है। अपनी जरूरत के हिसाब से हम इसे या तो एनटीपीसी से खरीदेंगे या फिर निजी कंपनियों से। लेकिन आपूर्ति प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि इस स्थिति के पीछे कुछ कारण हैं। समस्या सिर्फ बिहार में ही नहीं हर जगह है।
केरल के बिजली मंत्री के कृष्णकुट्टी ने कहा कि राज्य सरकार 19 अक्टूबर के बाद बिजली कटौती को लागू करने पर फैसला करेगी। वर्तमान में राज्य 100 मेगावाट बिजली की कमी का सामना कर रहा है। हम एक स्वचालित प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से मांग-आपूर्ति को संतुलित करने की कोशिश कर रहे हैं और अधिक कीमत पर बिजली खरीद रहे हैं।