देश में 5G टेस्टिंग के लिए दूरसंचार विभाग ने दी मंजूरी : दूरसंचार विभाग ने मंगलवार को 5जी परीक्षण के लिए दूरसंचार कंपनियों के आवेदनों को मंजूरी दे दी।
हालांकि, इसमें कोई भी कंपनी चीनी प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल नहीं कर रही है।
दूरसंचार विभाग ने रिलाइंस जियो, भारती एयरटेल, वोडाफोन और एमटीएनएल के आवेदनों को इसके लिए मंजूरी दी है।
इनमें से कोई भी कंपनी चीनी कंपनियों की तकनीक का उपयोग नहीं कर रही है।
देश में 5G टेस्टिंग के लिए दूरसंचार विभाग ने दी मंजूरी : दूरसंचार विभाव सचिव अंशु प्रकाश ने कहा,
"ये परीक्षण 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी और नेटवर्क बहाल करने के समय के अंतर को कम करेगा।
इससे पहले नीलामी के बाद परीक्षण हुआ था।
इस बार समय का लाभ मिलेगा और दूरसंचार ऑपरेटर 5जी नेटवर्क के लिए पहले से तैयार होंगे।
इससे ऑपरेटर अपने विक्रेताओं, प्रौद्योगिकी और उपकरणों के प्रकार का चयन करने में सक्षम होंगे।"
उन्होंने कहा, "भारत संचार निगम लिमिटेड अलग से परीक्षण करेगा और उनका आवेदन जल्द आएगा।"
दूरसंचार विभाग ने 5जी परीक्षण के लिए स्वीकृत दूरसंचार गीयर विनिर्माताओं की सूची में एरिक्सन,
नोकिया, सैमसंग, सी-डॉट और रिलायंस जियो की स्वदेशी रूप से विकसित प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।
इसका मतलब है कि चीनी कंपनियां 5जी परीक्षणों का हिस्सा नहीं होंगे।
विभाग ने एक बयान में कहा, "दूरसंचार विभाग ने 5जी तकनीक के उपयोग के परीक्षण के लिए दूरसंचार सेवा प्रदान करने वाली कंपनियों को अनुमति दे दी। इसमें भारती एयरटेल, रिलाइंस जियोइंफोकॉम लिमिटेड, वोडाफोन आईडिया इंडिया लिमिटेड और एमटीएनएल शामिल हैं।"
इससे पहले भारती एयरटेल और वोडाफोन ने चीन की हुआवेई कंपनी की तकनीक का उपयोग कर परीक्षण करने का प्रस्ताव पेश किया था। बाद में उन्होंने हालांकि अपने आवेदन में कहा कि 5जी परीक्षण में वह चीन की किसी कंपनी की तकनीक की उपयोग नहीं करेगी।
विभाग ने कहा, "इन दूरसंचार सेवा प्रदाता कंपनियों ने एरिक्सन, नोकिया, सैमसंग और सी-डॉट जैसे मूल उपकरण विनिर्माताओं और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के साथ करार किया है। जबकि रिलायंस जियोइंफोकॉम लिमिटेड अपनी खुद की 5जी तकनीक का उपयोग करके यह परीक्षण करेगी।"
दूरसंचार विभाग का यह कदम इस ओर इशारा करता है कि केंद्र सरकार देश में शुरू होने वाली 5जी दूरसंचार सेवाओं में चीनी कंपनियों को हिस्सा लेने से रोक सकती है।
बयान में बताया कि टेलीकॉम कंपनियों को विभिन्न बैंड में प्रयोगात्मक स्पेक्ट्रम का उपयोग करने की अनुमति दी गई है। इसमें मिड-बैंड 3.2 गीगाहर्ट्ज से 3.67 गीगाहर्ट्ज़, मिलीमीटर वेव बैंड 24.25 गीगाहर्ट्ज़ से 28.5 गीगाहर्ट्ज़ और उप-गीगाहर्ट्ज़ बैंड 700 गीगाहर्ट्ज़ तक शामिल हैं।
विभाग ने कहा, "दूरसंचार ऑपरेटरों को 5जी परीक्षणों के संचालन के लिए अपने मौजूदा 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 1800 मेगाहर्ट्ज और 2500 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम का उपयोग करने की भी अनुमति दी जाएगी। वर्तमान में परीक्षणों की अवधि 6 महीने की है। इसमें उपकरण की खरीद और स्थापना के लिए 2 महीने की समयावधि शामिल है।"
इसके अलावा अनुमति पत्र में यह स्पष्ट कहा गया है कि दूरसंचार कंपनियों को 5जी परीक्षण शहरी क्षेत्रों समेत ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में भी करना होगा ताकि 5जी तकनीक का लाभ केवल शहरों में ही नहीं बल्कि देशभर में उठाया जा सके।