UP Assembly Election 2022: मोदी लहर की आंधी में बसपा ने खो दिया था अपना गढ़, 20 साल बाद हाथरस विधानसभा सीट पर बीजेपी ने किया था कब्ज़ा

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में सत्ताधारी दल बीजेपी एक बार फिर अपनी जीत को दोहराना चाहेगी।
UP Assembly Election 2022: मोदी लहर की आंधी में बसपा ने खो दिया था अपना गढ़, 20 साल बाद हाथरस विधानसभा सीट पर बीजेपी ने किया था कब्ज़ा
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उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। ऐसे में सत्ताधारी दल बीजेपी एक बार फिर अपनी जीत को दोहराना चाहेगी। वहीं सत्ता से दूर सपा, बसपा, कांग्रेस एक बार फिर राज्य की गद्दी पर काबिज होने की पूरी कोशिश करेंगे। हाथरस जिले में 3 विधानसभा सीटें हैं, जिन्हें बीजेपी किसी भी हाल में जीतना चाहेगी।

20 साल तक हाथरस विधानसभा सीट पर बसपा का रहा कब्ज़ा

हाथरस सीट से भाजपा के राजवीर सिंह 1993 के विधानसभा चुनाव में पहली बार विधायक चुने गए थे। उन्होंने इस चुनाव में बसपा के बिलाल कुरैशी को हराया था। इसके बाद 1996, 2002, 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने यह सीट जीती थी। लगातार 20 साल तक इस सीट (हाथरस विधानसभा सीट) पर बसपा का कब्जा रहा। बसपा के रामवीर उपाध्याय इस सीट से 1996, 2002 और 2007 में तीन बार विधायक चुने गए थे।

2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा के गेंदालाल चौधरी इस सीट से विधायक बने थे। यह सीट बसपा का गढ़ मानी जाती है। यहां दलित वोटों की संख्या काफी ज्यादा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर की आंधी में बसपा अपना गढ़ नहीं बचा पाई और इस सीट को बीजेपी ने अपने पाले में ले लिया। बीजेपी के हरिशंकर महोर यहां से मौजूदा विधायक हैं।

विधानसभा चुनाव 2017 के आंकड़े

2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हरिशंकर महोर को 1,33,840 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर के बसपा के बृजमोहन राही को 63,179 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के राजेश राज जीवन रहे, उन्हें 27,301 वोट मिले। 2012 में बसपा के टिकट पर विधायक चुने गए गेंदालाल ने 2017 का चुनाव रालोद के टिकट पर लड़ा था और चौथे नंबर पर थे। उन्हें सिर्फ 3,616 वोट मिले।

विधानसभा चुनाव 2017 में पार्टियों का वोट शेयर

2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी का वोट शेयर 56.4 फीसदी था, जबकि दूसरे नंबर की बसपा का वोट शेयर 26.62 फीसदी और कांग्रेस का वोट शेयर 11.5 फीसदी था। मायावती के करीबी रामवीर उपाध्याय, जिनका हाथरस विधानसभा सीट की राजनीति में प्रभाव है और कई बार विधायक चुने जा चुके हैं, वर्तमान में पार्टी से निलंबित हैं। वहीं उनके पूरे परिवार ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता स्वीकार कर ली है। ऐसे में देखना होगा कि आने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव में रामवीर उपाध्याय बीजेपी में शामिल होते हैं या फिर बसपा में वापसी करते हैं।

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