उत्तर प्रदेश 2022 के चुनाव में अपना झंडा लहराकर भारतीय जनता पार्टी फिर से सत्ता में लौटने की कोशिश कर रही है। बीजेपी की नजर उन सीटों पर भी है जहां वह जीत नहीं पाई। ऐसी ही एक सीट रायबरेली की ऊंचाहार विधानसभा सीट है, जहां सपा लगातार दो बार विजयी रही है। 2012 के चुनावों में, सपा से मनोज पांडे, वर्तमान में यूपी के उपमुख्यमंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के बेटे और बसपा उम्मीदवार उत्कर्ष मौर्य को 2582 मतों से हराकर विधायक बने और अखिलेश सरकार में मंत्री बने। इसके बाद 2017 में भी सपा के मनोज पांडेय ने भाजपा के टिकट पर इस बार 1934 मतों से उत्कर्ष मौर्य को हराया था।
ऊंचाहार विधानसभा सीट उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 115 किमी और इलाहाबाद से 85 किमी की दूरी पर स्थित है। कांग्रेस के गढ़ रायबरेली जिले की ऊंचाहार विधानसभा सीट (183) में राम मंदिर आंदोलन हो या मोदी लहर, यहां बीजेपी नहीं जीत पाई। इस सीट के लिए पहली बार 2012 में चुनाव हुआ था। मनोज पांडे 2012 और 2017 में जीतकर लगातार दूसरी बार सपा से विधायक हैं। 2022 के चुनावी जंग में भाजपा ऊंचाहार सीट पर कब्जा करने के लिए बेताब है, क्योंकि 2017 के चुनाव में जीत-हार के बीच मात्र 1934 वोट का अंतर था। हालांकि सपा यहां से जीत की हैट्रिक लगाने की तैयारी में है। वहीं बसपा और कांग्रेस यहां वापसी को लेकर बेचैन हैं।
ऊंचाहार का इलाका पहले डलमऊ विधानसभा सीट के अंतर्गत आता था। लेकिन 2012 के चुनाव से पहले हुए नए परिसीमन के बाद डलमऊ का कुछ हिस्सा सरेनी विधानसभा सीट पर चला गया और बाकी सीट को ऊंचाहार विधानसभा का नाम दिया गया।
यहां की अधिकांश आबादी दलित मतदाता है, खासकर पासी समुदाय से। इसके बाद यादव, मौर्य, ब्राह्मण, राजपूत, मुस्लिम, एससी, लोध, कुर्मी समेत ओबीसी जातियां भी निर्णायक स्थिति में हैं।