सोनू सूद का जन्मदिन : पिता बनाना चाहते थे इंजीनियर, 5500 रुपये लेकर हीरो बनने आए थे मुंबई, जानिए मसीहा की पूरी कहानी

पढ़ाई पूरी करने के बाद सोनू हीरो बनने का सपना देखकर लाखों नौजवानों की तरह 1996 में सपनों की नगरी मुंबई पहुंच गए। 2020 में प्रवासियों के लिए मसीहा बने सोनू का एक लोकल ट्रेन का पास खूब वायरल हुआ था।
Photo | Dainik Bhaskar
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सोनू सूद का जन्मदिन : बॉलीवुड की कई फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने वाले सोनू सूद अब पूरे देश के लिए मसीहा बन गए हैं। करीब 45 हजार प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने, लोगों को दवा, ऑक्सीजन देने, गरीबों को आर्थिक मदद देने से लेकर हर जरूरतमंद की मदद के लिए सोनू हर संभव प्रयास कर रहे हैं। आज दूसरों की मदद के हाथ बढ़ा रहे सोनू सूद खुद कभी काम की तलाश में मुंबई की सड़कों पर घूमते थे। आज सोनू के जन्मदिन के खास मौके पर आइए जानते हैं संघर्ष से भरे रहे उनके उतार-चढ़ाव के बारे में।

पिता बनाना चाहते थे इंजीनियर

सोनू सूद का जन्मदिन :  सफल अभिनेता बन चुके सोनू सूद का जन्म 30 जुलाई 1973 को पंजाब के मोगा में हुआ था। सोनू के पिता कपड़े की दुकान चलाते थे जो चाहते थे कि उनका बेटा एक आम पिता की तरह इंजीनियर बने। पिता के कहने पर सोनू इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने नागपुर पहुंचे। सोनू ने अपनी पढ़ाई पूरी की लेकिन उसकी मंजिल अलग थी।

लोकल ट्रेन में करते थे सफर

पढ़ाई पूरी करने के बाद हीरो बनने का सपना देख लाखों युवाओं की तरह 1996 में सोनू सपनों के शहर में पहुंचे। 2020 में प्रवासियों के लिए मसीहा बने सोनू की एक लोकल ट्रेन का पास खूब वायरल हुआ था। यह दर्रा 1997 का था, जिसके जरिए सोनू लोकल ट्रेन धक्के खाते हुए कई किलोमीटर का सफर तय करते थे। इस पास को खुद सोनू ने भी शेयर किया था।

गरीबी में गुजारा करते थे सोनू

एक इंटरव्यू के दौरान सोनू ने बताया कि वह सिर्फ 5500 रुपये लेकर मुंबई पहुंचे थे, जो उन्होंने खुद जमा किए थे। यहां आकर सोनू को पहले फिल्मसिटी पहुंचने में 400 रुपये का नुकसान हुआ। सोनू सोचते थे कि अगर वह फिल्म सिटी में घूमते रहेंगे तो किसी डायरेक्टर और प्रोड्यूसर की नजर उन पर पड़ेगी और उन्हें फिल्मों में काम मिलेगा, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। 3 लोगों के साथ एक कमरा शेयर कर सोनू गरीबी में गुजार करते थे। जब भी उन्हें ऑडिशन के लिए कॉल आती तो उनके साथ ऑडिशन देने के लिए 200 से ज्यादा लोग लाइन में खड़े होते थे जहां उन्हें सिर्फ रिजेक्शन का सामना करना पड़ता था।

यहां से शुरु हुआ फिल्मों में करीयर

कई महीनों तक मुंबई में रिजेक्शन झेलने के बाद सोनू हैदराबाद पहुंचे। यहां उसे काम मिलने लगा। सोनू को साल 1999 में तमिल फिल्मों कल्लाझगर और नैनजिनीले से डेब्यू करने का मौका मिला। इसके बाद सोनू की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें अपनी फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने का मौका मिला। साल 2002 में सोनू ने बॉलीवुड फिल्म शहीद-ए-आजम में भगत सिंह का किरदार निभाकर सभी का दिल जीत लिया था। इसके बाद अभिनेता युवा, आशिक बनाया आपने, जोधा अकबर, सिंह इज किंग, दबंग, आर राजकुमार, शूटआउट एट वडाला, तूतक तूतक तूतिया, पलटन और सिम्बा जैसी फिल्मों में नजर आए।

स्टारडस्ट मैगजीन ने अपने कवर पेज पर प्रकाशित किया था इंटरव्यू

कुछ समय पहले स्टारडस्ट मैगजीन ने अपने कवर पेज पर सोनू सूद का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू प्रकाशित किया था। यह वही मैगजीन थी जिसने सोनू की तस्वीरें अपनी मैगजीन में छापने से मना कर दिया था। इंटरव्यू सामने आने के बाद सोनू ने इसे रीपोस्ट किया और लिखा, एक दिन था जब मैंने स्टारडस्ट के ऑडिशन के लिए पंजाब से अपनी कुछ तस्वीरें भेजी थीं। लेकिन मुझे रिजेक्ट कर दिया गया। आज मैं इस प्यारे कवर के लिए स्टारडस्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं। सोनू पर स्टार डस्ट की इस कवर स्टोरी के साथ कैप्शन लिखा है- क्या रियल हीरो सोनू सूद ने दूसरे रील हीरो से स्टारडम चुरा लिया है।

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