भारत और इंडोनेशिया की नौसेनाओं के बीच द्विपक्षीय अभ्यास 'समुद्र शक्ति' का तीसरा संस्करण सुंडा जलडमरूमध्य के क्षेत्र में शुरू हो गया है। बुधवार तक जारी इस अभ्यास में भाग लेने के लिए भारतीय नौसेना के जहाज शिवालिक और कदमत इंडोनेशिया के जकार्ता पहुंच गए हैं। अभ्यास का उद्देश्य दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री संचालन में आपसी समझ और अंतर-संचालन को बढ़ाकर द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। यह अभ्यास सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को साझा करने और समुद्री सुरक्षा संचालन की एक सामान्य समझ विकसित करने के लिए एक उपयुक्त मंच भी प्रदान करेगा।
भारतीय नौसेना के जहाज शिवालिक और कदमत इंडोनेशियाई नौसेना के साथ अभ्यास में भाग लेने वाले क्रमशः स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित मल्टी-रोल गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट और एंटी-सबमरीन कार्वेट हैं। दोनों जहाज पूर्वी नौसेना कमान के तहत विशाखापत्तनम स्थित भारतीय नौसेना के पूर्वी बेड़े का हिस्सा हैं। भारतीय नौसेना का पनडुब्बी रोधी युद्ध लंबी दूरी का समुद्री टोही विमान P-8i भी अभ्यास में भाग ले रहा है। इंडोनेशियाई नौसेना का प्रतिनिधित्व केआरआई बैंग टोमो, केआरआई मालाहाटी और समुद्री गश्ती और टोही विमान CN-235 द्वारा किया जाता है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत की एक्ट ईस्ट नीति के अनुसार अभ्यास 'समुद्र शक्ति' की परिकल्पना 2018 में द्विपक्षीय IN-IDN अभ्यास के रूप में की गई थी। अभ्यास पिछले दो संस्करणों में जटिलता के मामले में काफी आगे बढ़ा है और इसमें मिलिट्री इंटरडिक्शन ऑपेरशन (एमआईओ), क्रॉस डेक लैंडिंग, एयर डिफेंस सिरियल्स, प्रैक्टिस वीपन फायरिंग, रिप्लेनिश्मेन्ट अप्रोच और सामरिक युद्धाभ्यास सहित जटिल समुद्री अभियानों का संचालन शामिल होगा। मौजूदा नीतियों के तहत 'समुद्र शक्ति' अभ्यास का तीसरा संस्करण दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग को मजबूत करने और पूरे इंडो पैसिफिक में दोस्ती के मजबूत बंधन बनाने का प्रयास है।