इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने जेएनयू विवाद पर छात्रों से अहिंसक होने का आग्रह किया।

चेन्नई में अभिनेता एवं मक्कल नीधि मैयम प्रमुख कमल हासन ने गुहा को हिरासत में लिए जाने की कटु आलोचना की
इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने जेएनयू विवाद पर छात्रों से अहिंसक होने का आग्रह किया।
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न्यूज – प्रतिष्ठित इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा संशोधित नागरिकता कानून को लेकर लगातार विरोध के सुर मुखर किए हुए हैं। 08 जनवरी को कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में छात्रों को संबोधित किया और उनसे अनुरोध किया कि वे हिंसा का सहारा न लें।

रामचंद्र गुहा ने छात्रों से कहा, 'मैं छात्रों से अहिंसक होने का आग्रह करूंगा। अब हम दक्षिणपंथ की तानाशाही के खिलाफ हैं लेकिन हमें वामपंथी सत्तावाद के प्रति भी सचेत रहना होगा। अपमानजनक बयानबाजी का इस्तेमाल न करें। हालांकि आलोचना करें।'

गुहा उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें शहर में लागू निषेधाज्ञा की अवहेलना करते हुए बेंगलुरु टाउन हॉल के समीप संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए हिरासत में लिया गया था। हिरासत में लिए जाने पर उन्होंने कहा था कि यह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है कि पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी नहीं करने दे रही जो कि नागरिकों का लोकतांत्रिक अधिकार है।

वहीं चेन्नई में अभिनेता एवं मक्कल नीधि मैयम प्रमुख कमल हासन ने गुहा को हिरासत में लिए जाने की कटु आलोचना की थी। हासन ने ट्वीट कर कहा था कि वह गुहा को गिरफ्तार करके सत्याग्रह की आग को भड़काने के लिए सरकार की मुर्खता पर तालियां पीट-पीटकर हंस रहे हैं।

गुहा को हिरासत में लिए जाने पर कोलकाता में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि केन्द्र सरकार देश के प्रतिष्ठित इतिहासकार से डर गई है। यह सरकार छात्रों से डरी हुई है। यह सरकार कैब और एनआरसी के मुद्दे पर मीडिया से बातचीत करने और गांधीजी का पोस्टर पकड़ने पर देश के प्रतिष्ठित इतिहासकारों में से एक से डरी हुई है। मैं राम (चन्द्र) गुहा को हिरासत में लेने की आलोचना करती हूं।

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