संसद के शीतकालीन सत्र से पहले 28 नवंबर को सर्वदलीय बैठक होने की संभावना है। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हो सकते हैं। संसद का शीतकालीन सत्र अगले सोमवार यानी 29 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। पिछले डेढ़ साल में हुए संसद सत्रों की तरह शीतकालीन सत्र भी कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए आयोजित किया जाएगा।
पूरे सत्र के दौरान करीब 20 बैठकें होंगी। संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीपीए) ने संसद के शीतकालीन सत्र को 29 नवंबर से 23 दिसंबर तक आयोजित करने की सिफारिश की थी। पिछले साल संसद का शीतकालीन सत्र कोविड-19 महामारी के कारण आयोजित नहीं किया गया था और बजट सत्र तथा मॉनसून सत्र को भी छोटा कर दिया गया था।
लोकसभा सचिवालय ने हाल ही में एक बयान में कहा था की, "17वीं लोकसभा का सातवां सत्र 29 नवंबर, 2021 को शुरू होगा। आधिकारिक कामकाज की अत्यावश्यकताओं के अधीन, सत्र के 23 दिसंबर, 2021 को समाप्त होने की संभावना है। साथ ही उस समय राज्यसभा ने भी ऐसा ही आदेश जारी किया था। संसद के दोनों सदनों – राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही एक साथ चलेंगी और सांसदों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा। यह सत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका आयोजन उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले किया जा रहा है, जो राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
मुद्रास्फीति, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि, खाद्य तेल की कीमतों में वृद्धि, कश्मीर में आम लोगों पर आतंकवादी हमले, लखीमपुर खीरी हिंसा जिसमें किसानों की जान गई, ऐसे मुद्दे हैं जिन पर सरकार को शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए जाने की संभावना है। संसद का मानसून सत्र विपक्ष के हंगामे से प्रभावित हुआ, जिसने पेगासस जासूसी मुद्दे पर प्रतिक्रिया मांगी और तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की सरकार से मांग की थी।